नई दिल्ली, 23 फरवरी । राजस्थान की राजधानी जयपुर में अजमेर शरीफ की ओर से प्रेसवार्ता की गई। इसमें शेख उल मशाइख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान साहब ने कहा, “कुछ लोग लगातार सीएए के नाम पर मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मेरा सुझाव है कि वो देश का कानून पढ़ें। हमारे देश में नागरिकता देने वाला कानून है, ना की छीनने वाला।”
उन्होंने आगे कहा, “मथुरा जैसे विवाद का हल अदालत के बाहर होना चाहिए। हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे विवादों का हल हम बातचीत के माध्यम से निकाल सकें। आज हमारा देश “वसुधैव कुटुंबकम” की सभ्यता, शांति की बात कर रहा है। भारत विश्व शांति की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहा है। ऐसे में हमें अपने आतंरिक मसलों को अदालत के अंदर नहीं, बल्कि बाहर ही बातचीत से सुलझाने के प्रयास करने चाहिए। हमारी कई पीढ़ियों ने कई धार्मिक विवादों का सामना किया, जिसमें अयोध्या प्रकरण प्रमुख रूप से शामिल है। हालांकि, अब कोर्ट के निर्णय के बाद इस पर विराम लग चुका है। भारत का हर मुसलमान सुलह पर यकीन रखता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें हर मसले को अदालत में ले जाने से बचना चाहिए। हमें मिल-जुलकर हर विषय को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। सीएए के जरिए कुछ लोग अपने सियासी फायदे के लिए मुस्लिमों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। सीएए से मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है।”
अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने कहा, “सीएए के जरिए मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जा रहा है। इसके तहत मुसलमान की नागरिकता छीनने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।”
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