शिमला जिले के चामियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज के कार्डियोलॉजी विभाग ने फुफ्फुसीय धमनी धमनीविस्फार (पल्मोनरी आर्टरी एन्यूरिज्म) के एक दुर्लभ और जटिल मामले का सफलतापूर्वक इलाज किया है। यह स्थिति रक्त वाहिकाओं की दीवारों की कमजोरी के कारण उत्पन्न होती है, जिसके परिणामस्वरूप वाहिका की दीवार से थैलीनुमा उभार बन जाता है। कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अरविंद कंदोरिया ने बताया कि कॉइल एम्बोलिज़ेशन का उपयोग करके परक्यूटेनियस इंटरवेंशन द्वारा इस स्थिति का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।
चंबा जिले की रहने वाली 58 वर्षीय महिला खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की शिकायत लेकर आई। जांच में पता चला कि उसकी दाहिनी ओर 5×5 सेंटीमीटर का एक बड़ा फुफ्फुसीय धमनी एन्यूरिज्म है, जिसके फटने का खतरा है। सर्जरी के बजाय, मरीज ने कॉइल एम्बोलिज़ेशन की मदद से परक्यूटेनियस इंटरवेंशन द्वारा इस समस्या का इलाज कराने का विकल्प चुना।
डॉ. कंदोरिया, डॉ. संजीव असोत्रा, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. विनय भारद्वाज, डॉ. राजन वशिष्ठ और डॉ. अक्षत नेगी ने यह प्रक्रिया संपन्न की। मरीज के सभी लक्षण पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

