धर्मशाला, 22 अगस्त टांडा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवाएं बाधित रहीं, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने आज भी अपनी हड़ताल जारी रखी। सीनियर रेजिडेंट, इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी और टांडा मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना भी दिया।
कल सीएम सुखविंदर सुखू से मुलाकात के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। टांडा मेडिकल कॉलेज के शिक्षक आज अपनी ड्यूटी पर लौट आए, लेकिन आरडीए ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।
आरडीए के सदस्यों ने कहा कि वे अपने राष्ट्रीय स्तर के निकाय फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के निर्देशों के अनुसार अपनी हड़ताल जारी रख रहे हैं। टांडा में हड़ताली आरडीए सदस्यों ने कहा, “हम फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और आईएमए के निर्देशानुसार हड़ताल पर चले गए थे। दोनों निकायों ने हड़ताल वापस लेने के बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किया है। जब तक राष्ट्रीय स्तर के निकाय कोई निर्देश नहीं देते, हम अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।”
आरडीए के सदस्यों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की सुरक्षा की उनकी मुख्य मांग पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हमने राज्य सरकार से यह भी मांग की थी कि 2007 के अधिनियम के तहत ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों पर हमला करने को गैर-जमानती अपराध बनाया जाना चाहिए।
टांडा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। तब से कॉलेज में ओपीडी सेवाएं बाधित हैं।
टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर और ऊना जिले समेत पूरे निचले हिमाचल क्षेत्र को सेवाएं प्रदान करता है। मेडिकल कॉलेज में रोजाना करीब 3,000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बाधित होने से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।