N1Live National डोडा मुठभेड़: एक परिवार का हुआ था ‘बदहवास संदिग्ध’ से सामना, बोले- सिहर गए थे हम
National

डोडा मुठभेड़: एक परिवार का हुआ था ‘बदहवास संदिग्ध’ से सामना, बोले- सिहर गए थे हम

Doda encounter: A family encountered a 'mischievous suspect', said - we were shocked

नई दिल्ली, 18 जुलाई । जहां सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई वहां के एक नजदीकी गांव के परिवार ने 15 जुलाई की रात का खौफनाक किस्सा साझा किया। उसी रात जब सेना ने घने जंगलों में आतंकियों को घेरा, गोलीबारी हुई और फिर एक कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए।

इस परिवार ने आईएएनएस से खास बातचीत में दहशत की उस रात का जिक्र किया। घर की एक महिला ने बताया, “मैं अपने घर के अंदर सो रही थी, तो किसी ने मेरे दरवाजे पर जोर से दस्तक दी। मुझे लगा कि मेरे पापा आ गए हैं। लेकिन, जब मैंने दरवाजा खोला, तो वह कोई और था। मैंने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया। मैं घबरा गई, मेरी मां और बच्चे भी डर गए। मैंने अपने भाई को फोन किया, जो भाभी के साथ तुरंत हमारी मदद के लिए पहुंचे।”

महिला आगे कहती है, भाई- भाभी वहां पहुंच गए। संदिग्ध व्यक्ति से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई। हां, उसने ग्रे कलर की टी शर्ट पहन रखी थी। महिला के भाई ने दावा किया कि उसने घर का दरवाजा खटखटा रहे संदिग्ध को मुक्का भी मारा, जिसके बाद वह पास के जंगलों में भाग गया।

भाई ने बताया, “जब मुझे सुबह करीब 5 बजे मेरी बहन का फोन आया कि कोई संदिग्ध व्यक्ति घर में घुसने की कोशिश कर रहा है, तो मैं तुरंत वहां पहुंचा। मैंने देखा कि दरवाजे पर एक लंबा व्यक्ति खड़ा था। जब मैंने उसकी पहचान पूछी, तो उसने कहा कि यह उसका घर है। मैंने उसके चेहरे पर मुक्का मारा, लेकिन वह बच गया। जब मैंने उसे मारने के लिए पत्थर उठाया, तो वह जंगल में भाग गया।”

संदिग्ध की पोशाक को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि दुबला पतला छह फीट लंबा व्यक्ति सेना जैसी वर्दी पहने हुए था। ग्रामीण के मुताबिक जब उसने उसे ललकारा, तो उसने कोई हथियार नहीं उठाया।

उसने आगे कहा, “शुरू में, मुझे लगा कि वह नशे का आदी है, लेकिन जंगल में भागने में उसने जो फुर्ती दिखाई, उससे साबित हुआ कि वह प्रशिक्षित था। मैंने तुरंत अपने भाई को फोन किया, जो सेना में सेवारत है, जिसके बाद गांव में तलाशी अभियान चलाया गया।”

परिवार के मुताबिक उनके गांव के पास भी दरवाजा खटखटाने जैसी मिलती जुलती घटनाओं के बारे में उन्होंने सुना है।

बता दें, पिछले महीने कठुआ हमले में शामिल आतंकवादी एक गांव में घर-घर जाकर पानी मांग रहे थे। इस घटना से स्थानीय लोगों में संदेह पैदा हो गया था। कुछ लोगों ने दरवाजा बंद कर दिया जबकि कुछ ने शोर मचाया। इससे आतंकवादी घबरा गए और उनमें से एक ने फायरिंग शुरू कर दी थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया था और अगली सुबह दूसरे की तलाश शुरू कर दी थी।

Exit mobile version