पंजाब सरकार बाल भीख मांगने की सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से जीवनजोत परियोजना को लागू कर रही है।
इस पहल का उद्देश्य भीख मांगने वाले बच्चों को छुड़ाना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें शोषण मुक्त जीवन की ओर ले जाना है। यह शब्द कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने व्यक्त किए
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि भीख मांगने में शामिल बच्चों के बचपन को सुरक्षित रखने के लिए जीवनजोत परियोजना के तहत अभियान चलाया जा रहा है।
इस पहल के तहत ऐसे बच्चों को बचाने और उनके पुनर्वास का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह अभियान हर महीने के दूसरे सप्ताह चलाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जुलाई-2024 तक विभिन्न जिलों में कुल 187 बच्चों को बचाया गया है।
इनमें से 18 बच्चों को, जिनके पास आश्रय नहीं था, राज्य द्वारा संचालित बाल गृहों में रखा गया है, जहां उन्हें शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। शेष बच्चों को बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके माता-पिता के साथ मिला दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, 15 बच्चों को प्रायोजन योजना का लाभ मिलेगा, 80 बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं तथा 3 बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में भर्ती कराया गया है।
मंत्री ने बताया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत पंजाब सरकार ने राज्य में 7 सरकारी बाल गृह और 39 गैर-सरकारी बाल गृह पंजीकृत किए हैं, जहां अनाथ, बेसहारा और परित्यक्त बच्चों को आश्रय प्रदान किया जाता है।
कैबिनेट मंत्री ने नागरिकों से अपील की कि यदि उनके ध्यान में बच्चों द्वारा भीख मांगने का कोई मामला आता है तो वे अपने जिले की जिला बाल सुरक्षा इकाई या बाल कल्याण समिति को या विभाग द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर कॉल करके मामले की सूचना दे सकते हैं।
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