June 30, 2025
National

पीएम मोदी के विजन के कारण सामाजिक सुरक्षा के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत : प्रकाश जावड़ेकर

Due to PM Modi’s vision, India has reached the second position in terms of social security: Prakash Javadekar

सामाजिक सुरक्षा के मामले में भारत के दुनिया में दूसरे स्थान पर आने की चौतरफा तारीफ हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दिया।

प्रकाश जावड़ेकर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “भारत का दुनिया में सामाजिक सुरक्षा के मामले में दूसरे स्थान पर आना मोदी सरकार की नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। दुनिया के तमाम देशों ने भारत की इस प्रगति की प्रशंसा की है। बीते 10 वर्षों में 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर लाए गए हैं। यह एक विश्व रिकॉर्ड जैसा है। 12 करोड़ लोगों को शौचालय की सुविधा, चार करोड़ लोगों को घर, 10 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन और 15 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया गया है। यह केवल योजनाएं नहीं हैं, बल्कि एक अद्वितीय सफलता की कहानी है। इसके अलावा 50 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुले हैं, जिससे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल पाया। इसका सारा श्रेय पीएम मोदी के विजन और गरीबों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को जाता है। उन्होंने पहले दिन ही स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार गरीबों को समर्पित होगी।”

जावड़ेकर ने कहा, “पीएम मोदी के गरीबों के प्रति संवेदनशील नेतृत्व की वजह से ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल पाया। यह कल्याणकारी योजनाएं मात्र नहीं, बल्कि गरीबों को सशक्त बनाने का माध्यम हैं। जनधन योजना के 50 करोड़ खातों की वजह से मनरेगा की मजदूरी, पेंशन या अन्य लाभ सीधे खाते में पहुंचे हैं। पहले राजीव गांधी कहते थे कि दिल्ली से भेजे गए 100 रुपए में से सिर्फ 15 रुपए गरीब तक पहुंचते थे, बाकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे। लेकिन अब 100 के 100 रुपए गरीब के खाते में आते हैं। 10 वर्षों में 45 लाख करोड़ रुपए सीधे खातों में गए हैं, यह कोई मामूली काम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के हर कार्यक्रम के पीछे अंत्योदय की विचारधारा है, सबसे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उद्धार। किसानों को 38,000 करोड़ रुपए सीधे मिले हैं, जो 11 करोड़ किसानों तक पहुंचे। यह किसान सम्मान योजना स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक असाधारण उपलब्धि है। ऐसी योजनाएं किसी सरकार ने 70 साल में नहीं कीं।”

संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान पर दिए हालिया बयान पर उन्होंने कहा, “यह बहस जरूरी है। संविधान की मूल प्रस्तावना में ये शब्द नहीं थे। ये आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गए। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर चाहते थे कि देश खुद तय करें कि उसे समाजवाद अपनाना है या कोई और रास्ता। हमें किसी एक आर्थिक सिद्धांत में बांधकर नहीं रहना चाहिए। सेक्युलरिज्म एक विदेशी अवधारणा है, जबकि भारत ने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया है। यहां धर्म के पालन और प्रचार की स्वतंत्रता है। भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का पक्षधर रहा है। इसलिए इन शब्दों पर खुली और सार्थक बहस जरूरी है।”

कोलकाता गैंगरेप मामले में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेताओं के विवादित बयानों को जावड़ेकर ने शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, “यह बयान दर्शाता है कि उन लोगों में संवेदनशीलता कितनी कम है। सत्ता के नशे में चूर लोग यह भूल जाते हैं कि जनता सब देख रही है। किसी लड़की के साथ हुए गैंगरेप को इस तरह समर्थन देना अक्षम्य है और इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है।”

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