कोलकाता, 12 दिसंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की।
सूत्रों ने कहा कि आरोप पत्र में जो दो हाई-प्रोफाइल नाम सामने आए हैं, वे पश्चिम बंगाल के वर्तमान वन मंत्री और पूर्व राज्य खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और कोलकाता स्थित व्यवसायी बाकिबुर रहमान के हैं।
दोनों को राशन वितरण मामले में कथित संलिप्तता के लिए ईडी ने गिरफ्तार किया था। रहमान वर्तमान में दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में हैं। मंत्री को राज्य संचालित एस.एस.के.एम.मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों ने कहा कि दो व्यक्तियों का नाम लेने के अलावा, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पहले आरोपपत्र में 10 फर्जी कॉरपोरेट संस्थाओं का भी जिक्र किया है, जो कथित घोटाले की गलत कमाई की कार्यवाही को दिशा देने और भटकाने के लिए खोले गए थे।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने आरोपपत्र में यह भी बताया है कि कैसे गिरफ्तार मंत्री ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ-साथ अपने करीबी विश्वासपात्रों को इन कॉर्पोरेट संस्थाओं का निदेशक बनाकर अपने पारिवारिक संबंधों को इन फर्जी संस्थाओं में संचालन किया।
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इन फर्जी कॉरपोरेट संस्थाओं के साथ मंत्री के करीबी विश्वासपात्र रहमान के संबंधों का भी विवरण दिया है।
सूत्रों ने कहा कि आरोप पत्र में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले में अनियमितताओं को चलाने के लिए गिरफ्तार व्यवसायी द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली का विवरण प्रदान किया है।
रहमान के बारे में विवरण में यह भी शामिल है कि कैसे उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले आटे को खुले बाजार में बेचा, खासकर पैकेज्ड आटे के विपणन में लगी कॉर्पोरेट संस्थाओं को। इसके अलावा रहमान पर फर्जी किसान सहकारी समितियां खोलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर किसानों से अवैध रूप से धान खरीदने और फिर उसी धान को खुले बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत पर बेचने का भी आरोप लगाया गया है।