September 21, 2024
National

एकनाथ शिंदे ने मानसून पूर्व समीक्षा बैठक में प्रशासन से सतर्क रहने को कहा

मुंबई, 29 मई । मौसम ब्यूरो द्वारा महाराष्ट्र में 96-106 फीसदी बारिश का अनुमान लगाए जाने के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को प्रशासन से राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा।

यहां मानसून पूर्व समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम शिंदे ने जोर देकर कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों और नागरिक निकायों को प्रकृति के प्रकोप से निपटने में उचित समन्वय बनाए रखना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) टीमों की संख्या इस समय आठ है, जिसे बढ़ाई जाए। सभी नगर पालिकाओं को विभागवार एसडीआरएफ टीमों का गठन करने के अलावा लक्ष्य आपदा प्रतिक्रिया बल की तर्ज पर परिचालन टीमें बनानी चाहिए।

अन्य उपायों के साथ ये उपाय आवश्यक हैं, क्योंकि मुंबई में 10-11 जून तक बारिश होने की संभावना है, जबकि शेष महाराष्ट्र में 15 जून से बारिश होगी।

रेलवे पटरियों पर पानी भरने से उपनगरीय ट्रेन सेवाओं में व्यवधान से बचने के लिए शिंदे ने मध्य, पश्चिमी और कोंकण रेलवे के महाप्रबंधकों से सभी संभावित उपायों के साथ तैयार रहने का आग्रह किया।

इस महीने की शुरुआत में मुंबई के घाटकोपर में एक अनधिकृत होर्डिंग गिरने से हुई मानव जीवन की हानि को ध्यान में रखते हुए शिंदे ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और अन्य नागरिक निकायों से राज्य में सभी अनधिकृत होर्डिंग को तुरंत हटाने और मामले दर्ज करने को कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण और रेलवे के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्रों में होर्डिंग्स लगाने के लिए बीएमसी की अनुमति अनिवार्य होगी।

भारी बारिश के कारण जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण अचानक आने वाली बाढ़ से बचने के लिए शिंदे ने प्रशासन से तीन पड़ोसी राज्यों – मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के साथ तालमेल रखने को कहा।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक बांध का तकनीकी निरीक्षण 31 मई तक पूरा कर लिया जाए और प्रत्येक बांध स्थल पर 31 मई तक वायरलेस सिस्टम क्रियाशील हो जाए।

साथ ही, बिजली विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए कि तूफानी मौसम के दौरान बिजली आपूर्ति सुरक्षित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरे की सूचना प्रणाली को अलर्ट पर रखा जाना चाहिए, नागरिकों के बीच जन जागरूकता पैदा की जानी चाहिए और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए मुंबई की सड़कों पर मैनहोल कवर और गर्डर लगाए जाने चाहिए।

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