नई दिल्ली, 18 जनवरी
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत पहली स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक बुधवार को तिरुवनंतपुरम में शुरू हुई, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं में सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया और पहले सत्र में मजबूत भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थिति की तैयारी की आवश्यकता थी।
दूसरे सत्र में सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सा उपायों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत रूपरेखा तैयार करने पर मंथन किया गया।
बैठक के पहले दिन भारत के स्वास्थ्य ट्रैक की तीन प्रमुख प्राथमिकताओं – आपातकालीन प्रतिक्रिया, डिजिटल सामान और फार्मास्यूटिकल्स और टीकों तक पहुंच पर केंद्रित उद्घाटन के साथ कई विचार-मंथन सत्र हुए।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने मुख्य भाषण दिया।
पवार ने कहा, “भारत की महामारी नीति हमारी समग्र स्वास्थ्य नीति का एक परिभाषित हिस्सा होनी चाहिए क्योंकि आज कोई भी स्वास्थ्य संकट हमारी परस्पर जुड़ी दुनिया की बहुक्षेत्रीय प्रकृति के कारण आर्थिक संकट की ओर ले जाता है।”
मुरलीधरन ने कहा कि प्रधानमंत्री का “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का आह्वान ग्रह समर्थक दृष्टिकोण था, जो एक तेजी से वैश्वीकृत दुनिया के लिए प्रकृति के अनुरूप था।
मुख्य भाषणों के बाद ट्रोइका देशों (इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील) द्वारा प्रारंभिक टिप्पणी की गई।
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