लखनऊ, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने बुधवार को कहा कि विधानसभा अब एक नए स्वरूप में समाज के हर वर्ग तक अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा रही है। यह सकारात्मक परिवर्तन सदन के प्रत्येक सदस्य के प्रयासों का परिणाम है, जिसके लिए वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं।
सतीश महाना ने कहा, “विधानसभा का प्रत्येक सदस्य इस सदन का ब्रांड एम्बेसडर है। यह विधानसभा हम सबकी है, और यहां हर सदस्य मेरे लिए सम्माननीय है।”
बजट सत्र के समापन पर सदन को संबोधित करते हुए महाना ने कहा, “हमारी विचारधाराएं भिन्न हो सकती हैं, हमारे मत अलग हो सकते हैं, लेकिन हम सभी का उद्देश्य एक ही है – जनसेवा। जनता अब पहले से अधिक जागरूक है और अपने प्रतिनिधियों से जानना चाहती है कि उन्होंने उनके लिए क्या कार्य किए हैं।”
उन्होंने कहा कि पहले विधानसभा की कार्यवाही को लेकर नकारात्मक चर्चाएं अधिक होती थीं, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं। अब मतदाता यह तक जानने को उत्सुक रहते हैं कि उनका प्रतिनिधि सदन में कहां बैठा था और किन मुद्दों पर उसने अपनी आवाज बुलंद की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन का आधिकारिक मोबाइल ऐप लॉन्च हो चुका है, जिसमें इसकी स्थापना से लेकर अब तक के सभी महत्वपूर्ण भाषण एवं जानकारियां उपलब्ध हैं। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे इस ऐप का अवश्य उपयोग करें और अपने क्षेत्र की जनता को विधानसभा का भ्रमण कराकर इसकी कार्यप्रणाली से परिचित कराएं, जिससे विधायिका के प्रति जनमानस का दृष्टिकोण और अधिक सकारात्मक बन सके। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश विधानसभा को एआई से लैस किया जाएगा, जिससे प्रत्येक विधायक की संपूर्ण जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होगी।
इसके बाद उन्होंने विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। सदन में कुल 72 घंटे 56 मिनट कामकाज हुआ। गत 18 फरवरी से शुरू बजट सत्र में कुल 10 बैठकें हुईं। सत्ता पक्ष के 98 तथा विपक्ष के 49 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। वित्त वर्ष 2025-26 की आय-व्यय पर साधारण चर्चा कुल चार दिन हुई। इसमें कुल 94 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसमें सत्ता पक्ष के 60 सदस्यों एवं विपक्ष के 34 सदस्यों ने भाग लिया।
सत्र में कुल तीन विधेयक प्रस्तुत किए गए। इनमें संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास (संशोधन) विधेयक 2025 और उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 शामिल हैं।
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