स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर सुविधाएं मांगी हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को 2 प्रतिशत खुला आरक्षण दिया जाए।
परिजनों ने उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर ‘‘कुटुम्ब सम्मान पेंशन’’ योजना लागू करने का आग्रह किया ताकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को आर्थिक एवं सामाजिक संबल मिल सके।
आज़ाद हिंद फ़ौज के सैनिकों का इतिहास बनाने की मांग
मास्टर सुरेंद्र जागलान, सुरेंद्र डूडी, सतीश कुमार, दीपक गोयत, ओमप्रकाश ढांडा, रवि, सतीश यादव व अन्य परिजनों ने बताया कि आजाद हिंद फौज (आईएनए) के सैनिकों का इतिहास दशकों से हरियाणा अभिलेखागार विभाग की फाइलों में लंबित है।
1966 में हरियाणा सरकार ने INA सैनिकों से संबंधित डेटा मांगा था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इतिहास की इस अनदेखी के कारण कई स्वतंत्रता सेनानी अपने पहचान पत्र देखने से पहले ही मर गए।
बच्चों में देशभक्ति की भावना पैदा की जानी चाहिए
परिजनों ने मुख्यमंत्री से अपील की कि आजाद हिंद फौज के सैनिकों के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इससे बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने यह भी कहा कि सरकार को वर्षों से लंबित उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और शीघ्र समाधान निकालना चाहिए।
हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग, परिजनों ने मुख्यमंत्री से की मांग
हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों ने राज्य सरकार से पंजाब की तर्ज पर स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष यह मुद्दा उठाया और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित एक सरकारी निकाय की स्थापना का आग्रह किया।
परिजनों ने कहा कि पंजाब सरकार ने हाल ही में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड का गठन करके एक अनुकरणीय कदम उठाया है, ताकि सेनानियों और उनके परिवारों को सरकारी स्तर पर प्रतिनिधित्व मिल सके और उनके मुद्दों का समाधान हो सके। उन्होंने हरियाणा सरकार से भी इसी तरह का बोर्ड बनाने की मांग की।
कल्याण बोर्ड देगा सशक्त आवाज
परिजनों का कहना है कि स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड उनकी समस्याओं को मजबूती से उठाने और उनके समाधान के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसके माध्यम से पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और अन्य लाभों से जुड़ी समस्याओं का त्वरित गति से समाधान हो सकेगा।
पंजाब सरकार का उदाहरण
गौरतलब है कि पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी एवं रक्षा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने हाल ही में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की थी।
पंजाब सरकार न केवल बोर्ड का गठन कर रही है, बल्कि सेनानियों व उनके आश्रितों की पेंशन बढ़ाने, उनके सम्मान में स्मारक बनाने तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा सेनानियों से मुलाकात करवाने का कार्यक्रम भी चला रही है।
हरियाणा में भी ऐसे प्रयास होने चाहिए
हरियाणा के परिवारों ने मांग की है कि राज्य सरकार को भी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए ऐसे प्रयास करने चाहिए। उन्होंने पेंशन में वृद्धि, स्मारकों के निर्माण और स्कूली पाठ्यक्रम में सेनानियों के इतिहास को शामिल करने की भी मांग की।