October 14, 2025
Haryana

एमएफएमबी पोर्टल की गड़बड़ियों के बीच किसानों को धान बेचने में हो रही परेशानी

Farmers face difficulty in selling paddy amid glitches on the MFMB portal

‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ (एमएफएमबी) पोर्टल के माध्यम से समय पर अपनी भूमि का विवरण दर्ज कराने के बावजूद, करनाल और आसपास के जिलों के कई किसानों को राजस्व अधिकारियों द्वारा लंबित भूमि सत्यापन और पोर्टल पर डेटा बेमेल होने के कारण अनाज मंडियों में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है।

इस देरी के कारण गेट पास जारी नहीं हो पा रहे हैं, जिससे किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं बेच पा रहे हैं। कई किसान अब या तो सत्यापन के लिए अनिश्चित काल तक इंतज़ार कर रहे हैं या निजी खरीदारों को MSP से कम पर अपनी उपज बेच रहे हैं।

किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और सत्यापन में तेजी लाने की अपील की है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन के लिए 12.7 लाख किसानों ने एमएफएमबी पोर्टल पर 73.48 लाख एकड़ जमीन पंजीकृत कराई। हालांकि, 30.83 लाख एकड़ जमीन में विसंगतियां पाई गईं। इनमें से केवल 5.94 लाख एकड़ जमीन का ही सत्यापन हो पाया है, जबकि लगभग 24.89 लाख एकड़ जमीन का सत्यापन अभी बाकी है।

अकेले गैर-बासमती धान के लिए 4.83 लाख किसानों ने 28.80 लाख एकड़ भूमि पंजीकृत की, जिसमें से 24.59 लाख एकड़ भूमि सत्यापित की गई तथा 4.20 लाख एकड़ भूमि अभी भी मंजूरी की प्रतीक्षा में है।

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