रोहतक जिले में पहली बार किसी किसान के खिलाफ पराली जलाने का मामला दर्ज किया गया है। कृषि पर्यवेक्षक निधि पायल द्वारा बहू अकबरपुर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में डोभ गांव के किसान सिलकराम का नाम दर्ज किया गया है।
2022 से राहत लंबित रोहतक जिले में 2022 में गेहूं की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक लंबित है, साथ ही रबी-2023 के फसल नुकसान का मुआवजा भी लंबित है। – सुमित सिंह, राज्य सचिव, अखिल भारतीय किसान सभा
जवाब में, अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) की स्थानीय शाखा ने हरियाणा में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के लिए दर्ज सभी मामलों को तत्काल वापस लेने की मांग की है। किसान संगठन का तर्क है कि सरकार को वायु प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराने के बजाय फसल अवशेषों के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। AIKS के राज्य सचिव सुमित सिंह ने जिले के किसानों के सामने आने वाले कई अनसुलझे मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “रोहतक जिले में 2022 में गेहूं की फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा अभी भी लंबित है, जैसा कि रबी-2023 के लिए फसल-नुकसान का मुआवजा है।” सिंह ने यह भी बताया कि करीब दो दर्जन गांवों के किसान कुल 20 करोड़ रुपये के राहत भुगतान का इंतजार कर रहे हैं।
किसान सभा ने राज्य सरकार से लंबित मुआवजा जारी करने और किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का आग्रह किया है तथा चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।