January 23, 2025
National

सात फरवरी का विरोध प्रदर्शन कर्नाटक के साथ केंद्र के सौतेले व्यवहार के खिलाफ है : सिद्धारमैया

February 7 protest against Centre’s step-motherly treatment of Karnataka: Siddaramaiah

बेंगलुरु, 5 फरवरी । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि 7 फरवरी को नई दिल्ली में कर्नाटक कांग्रेस का प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार के खिलाफ है।

कर्नाटक कांग्रेस सूखा प्रभावित राज्य के लिए धन जारी नहीं करने के खिलाफ 7 फरवरी को नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी, इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया करेंगे। कांग्रेस ने राज्य भर से अपने सभी मंत्रियों, विधायकों और एमएलसी को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा,“कर्नाटक के सभी मंत्री और विधायक मंगलवार शाम को नई दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। हम बजट में कर्नाटक के साथ हुए अन्याय की ओर देश और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने आज तक केंद्र सरकार द्वारा अपना विवेकपूर्ण हिस्सा 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी नहीं किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा,“14वें वित्त आयोग से 15वें वित्त आयोग तक, कर्नाटक को धन का आवंटन 1.07 प्रतिशत कम कर दिया गया है। चार वर्षों में, राज्य को 45 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए। कर्नाटक ने इस साल अपने हिस्से का 73,593 करोड़ रुपये खो दिया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में 4.30 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह है।

“देश में टैक्स कलेक्शन के मामले में हम महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर हैं। इस साल हमें टैक्स से 50,257 करोड़ रुपये मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, कर्नाटक से एकत्र किए गए 100 रुपये में से हमें केवल 12 से 13 रुपये ही वापस मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का बजट आकार 2017-18 के 21,46 लाख करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2023-24 में 45.03 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

“2017-18 में जो हस्तांतरण 2.2 प्रतिशत था, वह अब घटकर 1.23 प्रतिशत हो गया है। जब बजट का आकार बढ़ेगा तो हमारा अनुदान भी बढ़ना चाहिए, लेकिन यह 50,257 करोड़ रुपये ही रह गया है।”

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसका लक्ष्य 2.50 लाख हेक्टेयर को सिंचित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैं मांग करता हूं कि इसे अभी जारी किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि महादायी परियोजना का गजट नोटिफिकेशन भी फाइनल हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण मंजूरी नहीं दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा,“यह परियोजना राज्य के हिस्से के 7.56 टीएमसी पानी का उपयोग करने में मदद करेगी। केंद्र सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह अपर कृष्णा योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेगी। मेकेदातु प्रोजेक्ट को भी अभी तक हरी झंडी नहीं दी गई है। केंद्र सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उत्तर भारत के गरीब राज्यों को अधिक फंड देना चाहिए, लेकिन दक्षिणी राज्य, खासकर कर्नाटक के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को नहीं मारना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई ने कभी भी केंद्र सरकार से कर्नाटक के बकाया 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी करने के बारे में बात नहीं की।

मुख्यमंत्री ने कहा,“एलओपी आर. अशोक को इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। मंत्री प्रह्लाद जोशी, शोभा करंदलाजे, भगवंत खुबा ने भी आवाज नहीं उठाई है।”

उन्होंने कहा कि कर्नाटक से सांसद चुनी गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कर्नाटक को फंड जारी करने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि 7 फरवरी को नई दिल्ली में हमारे विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य को न्याय मिलेगा।”

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