मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने आज आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपपत्र में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम केवल देश में महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक अशांति जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए डाला गया है।
सुखू ने आरोप पत्र में राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम शामिल किए जाने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के बाहर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि यह गरीबों और वंचितों के लिए बोलने वाले राहुल गांधी का मुंह बंद करने की कोशिश है। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, “राहुल गांधी गरीबों और वंचितों के लिए बोलते हैं। वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ निडरता से बोलते हैं। यही वजह है कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही हैं।”
सुखू ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी नहीं है और यह अंततः कानून की अदालत में साबित हो जाएगा। उन्होंने कहा, “गांधी परिवार ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ रहता है। राज्य सरकार और पार्टी पूरी मजबूती से परिवार के साथ खड़ी है।”
प्रतिभा ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही तरीके से काम कर रही है और गांधी परिवार को बार-बार परेशान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “राहुल गांधी बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर आदि का मुद्दा उठाते हैं। केंद्र सरकार के पास उनके उठाए मुद्दों का कोई जवाब नहीं है। इसलिए केंद्रीय एजेंसियां हमारे नेताओं को परेशान कर रही हैं।”
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के सदस्यों का नाम सूची में शामिल किया जाना निंदनीय है और कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता अपने नेताओं की रक्षा के लिए जेल जाने को भी तैयार हैं।”
एआईसीसी प्रवक्ता कुलदीप राठौर ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला भी कथित बोफोर्स, टेलीकॉम घोटाले आदि की तरह ही कानून की अदालत में औंधे मुंह गिर जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया, ”बीजेपी शासन में राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद और चुनावी बॉन्ड जैसे बड़े घोटाले हुए हैं, लेकिन उनकी कोई जांच नहीं की गई है।” ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।