गुवाहाटी, 16 मार्च
एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि एच3एन2 इन्फ्लूएंजा का पहला मामला असम में पाया गया था और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, असम द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, बुधवार रात को एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के एक मामले की पुष्टि हुई।
इसमें कहा गया है, “स्वास्थ्य विभाग वास्तविक समय के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से असम में मौसमी इन्फ्लूएंजा की उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।”
आईडीएसपी नेटवर्क के तहत जिला निगरानी अधिकारी केंद्र और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा तैयार दिशा-निर्देशों के अनुरूप असम में इस सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
एनएचएम ने कहा, “वैश्विक स्तर पर, इन्फ्लूएंजा के मामलों में आमतौर पर साल के कुछ महीनों के दौरान वृद्धि देखी जाती है। भारत में आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो शिखर देखे जाते हैं: एक जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद के मौसम में।”
बुलेटिन में कहा गया है कि मौसमी इन्फ्लूएंजा से उत्पन्न होने वाले मामलों में मार्च के अंत से कमी आने की उम्मीद है।
एनएचएम ने कहा कि बीमारी का संचरण ज्यादातर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसी और छींक से उत्पन्न बड़ी बूंदों के माध्यम से होता है।
संचरण के अन्य तरीके किसी दूषित वस्तु या सतह को छूने और हाथ मिलाने सहित निकट संपर्क से अप्रत्यक्ष संपर्क हैं।