चेन्नई, 6 फरवरी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बनकर एक व्यवसायी के कार्यालय पर फर्जी छापेमारी करने और 1.69 करोड़ रुपये लूटने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अपराधी दो लग्जरी कारें और कुछ महंगे मोबाइल फोन भी ले गए।
आरोपियों की पहचान विजय कार्तिक (37), नरेंद्र नाथ (45), राजशेखर (39), लोगनाथन (41), गोपीनाथ (46) के रूप में हुई है।
तिरुपुर में सूती धागे के व्यापारी अंगुराज और उसके साथी दुरई की शिकायत के बाद गिरफ्तारियां की गईं। पुलिस के अनुसार, दोनों ने शिकायत की कि कुछ लोगों ने खुद को ईडी अधिकारी बताकर उनके साथ लूटपाट की।
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्हें हैदराबाद की एक निजी कंपनी से फोन आया, इसमें दावा किया गया कि वे कोयंबटूर, तिरुप्पुर और इरोड में एक निर्माण परियोजना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
अंगुराज और दुरई के अनुसार, कॉल करने वालों ने उनसे निवेश का अनुरोध किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें थोड़े समय के भीतर दोगुनी राशि का भुगतान किया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि दोनों ने कॉल करने वालों पर विश्वास किया और 1.69 करोड़ रुपये का इंतजाम करने में कामयाब रहे। फिर कॉल करने वालों ने पैसे की तस्वीर मांगी, जिसे अंगुराज और दुरई दोनों ने तुरंत कॉल करने वालों को भेज दिया।
कुछ देर बाद पांच लोगों का एक समूह अंगुराज के कार्यालय पहुंचा, जिन्होंने खुद को ईडी अधिकारी होने का दावा किया। अंगुराज और दुरई ने अपनी शिकायत में कहा कि पांचों ने नकदी छीन ली और दो लग्जरी कारें और मोबाइल फोन लेकर चले गए। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी ले ली और मौके से भाग गए।
सीसीटीवी फुटेज निकाले जाने के बाद सूती धागा व्यापारियों को संदेह हुआ और उन्होंने तिरुपुर शहर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तुरंत चार विशेष टीमों का गठन किया, जिन्होंने अपराधियों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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