भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा नैतिकता एवं दर्शन केंद्र, संग्रहालय एवं पुस्तकालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) के युवा एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग तथा स्वावलंबी भारत अभियान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित पांच दिवसीय लोक कला कार्यशाला सोमवार को संपन्न हुई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केयू के कुलपति सोम नाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की सराहना की तथा उन्हें अपने कलात्मक कौशल को निखारने तथा लोक कला को एक संभावित कैरियर के रूप में तलाशने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा: “लोक कलाएँ हमारी सभ्यता और संस्कृति की जीवंत विरासत हैं। हमारे युवाओं को यह समझना होगा कि लोक कलाओं में रचनात्मकता केवल अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण का मार्ग है। इस तरह की कार्यशालाएँ पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक कौशल विकास के बीच की खाई को पाटती हैं।”
केंद्र निदेशक शुचिस्मिता ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला की गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत किया।
उप निदेशक (जनसंपर्क) जिम्मी शर्मा ने बताया कि हिसार से ममता शर्मा द्वारा विशेष “बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट” सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने दिखाया कि किस प्रकार बेकार घरेलू वस्तुओं का उपयोग करके कला बनाई जा सकती है।
कार्यशाला का मुख्य आकर्षण ‘चारपाई’ बनाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में स्टूल, खाट, कुर्सियां और सोफा बुनने का प्रदर्शन भी किया गया।
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