करुणा सागर भगवान वाल्मीकि जी के परगट दिवस के पावन अवसर पर पंजाब के लोगों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को लोगों से भगवान वाल्मीकि जी के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रगतिशील और समृद्ध पंजाब बनाने का आग्रह किया।
भगवान वाल्मीकि जी के परगट दिवस के अवसर पर आयोजित शोभा यात्रा में भाग लेते हुए उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी महाराज संस्कृत भाषा के पितामह तथा विश्व के पहले कवि या आदि कवि थे, जिन्होंने अपनी अमर एवं उत्कृष्ट रचना रामायण के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि महान महाकाव्य ने सदियों से लोगों को जीवन जीने का तरीका सिखाया है और लोगों के लिए नैतिक और नैतिक जीवन का प्रकाश स्तंभ रहा है, जो वर्तमान भौतिकवादी समाज में कहीं अधिक प्रासंगिक है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी महाराज की शिक्षाएं समाज में समानता पर जोर देती हैं, साथ ही आदर्श राज्य या समाज के निर्माण के लिए आदर्श व्यक्ति, आदर्श शासक और आदर्श लोगों को क्या करना चाहिए, इसकी नैतिकता पर जोर देती हैं।
समाज के सांस्कृतिक एकीकरण में भगवान वाल्मीकि जी के उत्कृष्ट योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों से महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा दिखाए गए मार्ग और उच्च आदर्शों का अनुसरण करने का आग्रह किया ताकि समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सके।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि भगवान वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण महाकाव्य सदियों से मानवता को जीवन जीने का सच्चा और नैतिक तरीका सिखा रहा है।
उन्होंने दोहराया कि भावी पीढ़ियों के लिए हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना राज्य सरकार का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र अपने सांस्कृतिक अतीत और विरासत को भूल जाते हैं, वे समय के साथ लुप्त हो जाते हैं।
लोगों को भगवान वाल्मीकि जी द्वारा दिखाए गए मार्ग और उच्च आदर्शों पर चलने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समृद्ध पंजाब बनाना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी ने भगवान राम चंद्र जी के पुत्रों लव और कुश को अपने आश्रम में शिक्षा प्रदान करके पंजाब की इस धरती को धन्य किया है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भगवान वाल्मीकि जी के जीवन और दर्शन को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।