January 14, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में पहुंचे विदेशी श्रद्धालु भी गदगद, बोले- हम तो धन्य हो गए

Foreign devotees who reached Mahakumbh were also happy, said – we are blessed

महाकुंभ नगर, 13 जनवरी । धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं। कुछ ने आईएएनएस से बातचीत में खुद को भाग्यशाली बताया।

पौलेंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था। कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा। कल मैं भी स्नान करूंगी। महाकुंभ की दृष्टि से कल का दिन बहुत अहम होने जा रहा है। हालांकि, आज इसकी विधिवत रूप से शुरुआत हो चुकी है, लेकिन कल का दिन शाही स्नान का है और मैं काफी उत्सुक हूं।

उन्होंने आगे कहा कि यहां के लोग मुझे बहुत अच्छे लगे। सभी का व्यवहार बहुत ही मित्रवत है। वातावरण अपने आप में अद्भुत है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मैं दो महीने से भारत में हूं और मुझे आज के दिन का बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार यह दिन आ ही गया। मुझे यहां पर बहुत कुछ सीखने को मिला है। हालांकि, शुरुआती दिनों में मेरे लिए इन सभी अनुष्ठानों का पालन करना काफी जटिल था। लेकिन, अब मैं धीरे-धीरे सभी बातों को सीखती जा रही हूं और आगे भी सीखती रहूंगी। यह अनुभव मेरे लिए अद्भुत रहा।

ऑस्ट्रेलिया से आई श्रद्धालु मंजरिका ने बताया कि मैं भारत में पिछले 40 दिनों से हूं। जब मैं भारत में आई थी, तो मैंने सोच लिया था कि मैं किसी भी कीमत पर महाकुंभ मेले में जरूर शिरकत करूंगी, क्योंकि यह अपने आप में अद्भुत अनुभव था। इस तरह का अनुभव हमेशा नहीं मिलता है। मैं स्नान करूंगी। मुझे इस तरह का अनुभव देखकर बहुत अच्छा लगा। मैं पेशे से योग टीचर हूं।

महाकुंभ मेले में जापान से आए श्रद्धालु मसाजी ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि मैं दूसरी बार महाकुंभ मेले में आया हूं और मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। मंत्रमुग्ध करने वाला वातावरण है। मैं यहां पर दो दिनों तक ही हूं, जिसके बाद मैं वापस जापान चले जाऊंगा। महाकुंभ मेला बहुत ही महत्वपूर्ण है। मैं हिंदू नहीं हूं। इसके बावजूद यह मेरे लिए बहुत अहम है। मुझे यहां आकर खुशी की अनुभूति हो रही है।

जापान से आई अन्य श्रद्धालु मिसाकी ने भी माना कि उन्हें शांति का एहसास हो रहा है।

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