January 17, 2025
Haryana

मोतीलाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल को फंड के दुरुपयोग और नियमों के उल्लंघन के आरोप में बर्खास्त किया गया

Former principal of Motilal Nehru Sports School dismissed for misuse of funds and violation of rules

सोनीपत, 3 जुलाई एक बड़े घटनाक्रम में, खेल विभाग ने मोतीलाल नेहरू खेल विद्यालय (एमएनएसएस), राई के पूर्व प्राचार्य एवं निदेशक कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत्त) को वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।

11 जून को आरोप वापस ले लिया गया खेल विभाग ने 11 जून को जांच पूरी होने तक कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत्त) से प्रिंसिपल और निदेशक का प्रभार वापस ले लिया था।
11 जून को कार्यवाहक प्रिंसिपल और निदेशक का प्रभार एमएनएसएस, राई की उप-प्राचार्य मौसमी घोषाल को सौंपा गया।

खेल विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत) को उनके खिलाफ गंभीर आरोपों के कारण वर्ष 2022 में हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, कर्नल मोर (सेवानिवृत्त) ने मुख्य सचिव द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद एमएनएसएस में अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। उन्होंने कथित तौर पर निर्देशों का पालन न करके सरकार को 135.23 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाया और पिछली तारीखों पर पत्र जारी करके रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया।

यह भी आरोप लगाया गया कि कर्नल मोर (सेवानिवृत) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से यह कार्य करवाने के बजाय स्कूल के फंड से स्विमिंग पूल की मरम्मत करवाई तथा समाचार पत्रों में अपनी फोटो प्रकाशित करवाई, जो प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति दिशानिर्देश, 2007 का भी उल्लंघन है।

यह भी आरोप लगाया गया कि कर्नल मोर ने सरकार से अनुमति लिए बिना ही एमएनएसएस की 20 एकड़ कृषि भूमि को गोल्फ कोर्स में बदल दिया। इससे सरकार को वित्तीय नुकसान भी हुआ।

यह भी आरोप लगाया गया कि कर्नल मोर (सेवानिवृत्त) ने सरकार की मंजूरी के बिना स्कूल की प्रवेश नीति में बदलाव किया था। उन्होंने सरकार से मंजूरी लिए बिना ही इंडियन पब्लिक स्कूल कॉन्फ्रेंस गेम्स 2022-2023 का आयोजन भी किया।

शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने उनसे जवाब मांगा लेकिन उनकी दलीलें असंतोषजनक पाई गईं। सरकार ने फरवरी 2023 में मामले की विभागीय जांच करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आरपी भसीन को जांच अधिकारी नियुक्त किया। बाद में सरकार ने अगस्त 2023 में भसीन के स्थान पर मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) पीके गोयल को जांच अधिकारी नियुक्त किया।

गोयल ने जनवरी 2024 में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें उनके खिलाफ सभी आरोप साबित हुए। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद खेल विभाग के प्रमुख सचिव ने उनसे जांच रिपोर्ट पर लिखित में जवाब मांगा, लेकिन कई बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद उन्होंने अपना जवाब पेश नहीं किया। आरोपों और जांच रिपोर्ट के आधार पर यह माना गया कि उन्होंने कई गंभीर कदाचार किए हैं।

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