कुरूक्षेत्र, 11 फरवरी श्लोकों के उच्चारण के बीच रविवार को यमुनानगर के आदि बद्री में चार दिवसीय सरस्वती महोत्सव शुरू हुआ। इस अवसर पर उपस्थित हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि भारत की सभ्यता और संस्कृति का उद्भव सरस्वती के तट पर हुआ था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। मंत्री ने कहा, “परियोजना अपने अंतिम चरण में है और 250 करोड़ रुपये की लागत से आदि बद्री में एक बांध बनाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “उत्सव का स्तर बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और नदी के किनारे स्थित सभी गांवों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।”
यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि आदि बद्री ही सरस्वती का उद्गम स्थल था। इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा और लोगों को आदि बद्री और सरस्वती के महत्व से अवगत कराया जाएगा।
हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह ने कहा कि महोत्सव आज शुरू हो गया है और विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
12 फरवरी को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सरस्वती पर एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और 13 फरवरी को यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। धूमन ने बताया कि समापन समारोह 14 फरवरी को सरस्वती तीर्थ पर आयोजित किया जाएगा।