February 2, 2025
National

जंगल में एक गुफा में फंसे थे चार आदिवासी बच्चे, वायनाड वन अधिकारी ने किया रेस्क्यू

Four tribal children were trapped in a cave in the forest, Wayanad forest officer rescued them

वायनाड, 3 अगस्त । केरल के वायनाड में हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद क्षेत्र में तैनात वन अधिकारियों ने बारिश और चट्टानी इलाके को पार करते हुए एक गुफा के अंदर से चार बच्चों का रेस्क्यू किया।

बता दें कि बच्चे एक आदिवासी समुदाय से थे, जो आम तौर पर बाहरी लोगों से बातचीत करने से बचते हैं और जीवित चीजों और वन उत्पादों का उपयोग करते हैं। कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गुरुवार को एक आदिवासी परिवार को बचाने के लिए घने जंगल के अंदर गई। उनको गुफा में एक से चार साल की उम्र के चार बच्चे मिले।

कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के. हशीस ने बताया कि वायनाड के पनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक गुफा में फंसा हुआ था। टीम को मौके पर पहुंचने में वन अधिकारियों को साढ़े चार घंटे से अधिक का सफर तय करना पड़ा।

वन अधिकारियों ने चार बच्चों की मां को वन क्षेत्र के पास घूमते देखा जिससे पता चला कि चार बच्चे गुफा में फंसे हुए हैं। उनको बचाने के लिए अधिकारियों को फिसलन भरी चट्टानों पर चढ़ना पड़ा। साथ ही पेड़ों और चट्टानों से रस्सियां बांधनी पड़ीं। उन्होंने कहा कि यह रेस्क्यू बहुत खतरनाक था।

हशीस ने कहा, “बच्चे थके हुए थे और हमने जो कुछ भी साथ लाया था, उससे उन्हें खाना खिलाया। बाद में, बहुत समझाने के बाद, उनके पिता हमारे साथ आने के लिए सहमत हुए और हमने बच्चों को अपने शरीर से बांध लिया और वापस अपनी यात्रा शुरू की। फिर वे अट्टा माला के अवैध शिकार विरोधी कार्यालय में वापस आ गए, जहां बच्चों को खाना खिलाया गया और कपड़े और जूते दिए गए।”

वन अधिकारी ने कहा, वे आम तौर पर वन उत्पादों पर जीवित रहते हैं और उन्हें स्थानीय बाजार में बेचकर चावल खरीदते हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि भूस्खलन और भारी बारिश के कारण उनको भोजन नहीं मिला था।

हशीस के साथ, खंड वन अधिकारी बी एस जयचंद्रन, बीट वन अधिकारी के अनिल कुमार और आरआरटी ​​(रैपिड रिस्पांस टीम) के सदस्य अनूप थॉमस ने परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से अधिक की लंबी यात्रा में भाग लिया।

Leave feedback about this

  • Service