झज्जर जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चल रहे अवैध लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। झज्जर की सिविल सर्जन डॉ. जयमाला ने बताया कि जिला समुचित प्राधिकारी को बुलंदशहर क्षेत्र में अवैध लिंग निर्धारण परीक्षण करने वाले एक गिरोह के बारे में सूचना मिली थी।
जानकारी के अनुसार गिरोह के सदस्य मोटी रकम लेकर झज्जर व आसपास के क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं का अवैध टेस्ट कर रहे थे।
उक्त सूचना की पुष्टि के लिए एक टीम गठित की गई। पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार की अगुवाई में टीम में डॉ. बसंत कुमार, डॉ. बिनिका और विनोद कुमार शामिल थे। पुलिस विभाग से महिला हेड कांस्टेबल रीना और दीपक भी टीम के साथ थे।
एक व्यक्ति ने एजेंट के तौर पर काम करने वाले परविंदर को फोन किया और खुद को एक गर्भवती महिला (फर्जी ग्राहक) का पति बताया। फर्जी ग्राहक के भ्रूण का लिंग निर्धारण करने के लिए 28,000 रुपये में सौदा तय हुआ।
फर्जी ग्राहक को 11 अप्रैल को बुलंदशहर आने को कहा गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी फर्जी ग्राहक के साथ बुलंदशहर पहुंची। बुलंदशहर की पीसी-पीएनडीटी टीम को भी मामले की जानकारी दी गई।
इस बीच, फर्जी ग्राहक के पति ने एजेंट परविंदर को 28,000 रुपए थमा दिए। इसके बाद परविंदर ने दूसरे एजेंट अजय को बुलाया, जो फर्जी ग्राहक को बुलंदशहर के एक घर में ले गया। कुछ देर बाद एक और एजेंट शिवम पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर पहुंचा। घर पर मौजूद विवेक नाम के शख्स ने अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया और बताया कि भ्रूण लड़का है।
इसके बाद अजय उस ग्राहक को छोड़ने के लिए वापस गया, जहां उसने टीम को इशारा किया। अजय और परविंदर को टीम ने पकड़ लिया। एजेंट शिवम और अल्ट्रासाउंड संचालक विवेक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। विवेक के पास से अल्ट्रासाउंड मशीन और 10 हजार रुपये के नोट बरामद किए गए हैं।
हालांकि, उक्त मकान में किरायेदार के रूप में रहने वाली विशाखा शर्मा 18,000 रुपये लेकर भागने में सफल रही। पूछताछ करने पर विवेक ने टीम के सदस्यों को बताया कि अल्ट्रासाउंड मशीन अमित नामक व्यक्ति की है, जो कथित तौर पर गिरोह चलाता है।
टीम ने अमित को भी पकड़ लिया और एजेंट के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड संचालक को भी पुलिस के हवाले कर दिया। भारतीय न्याय संहिता और पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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