घग्गर नदी आज सुबह अपने खतरे के निशान 23 फीट को पार कर गई और जिले के टटियाना गाँव के पास 49,494 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के साथ 23.3 फीट तक पहुँच गई। बढ़ते जलस्तर ने क्षेत्र के निवासियों और किसानों में चिंता पैदा कर दी है।
पपराला और आसपास के गाँवों में सैकड़ों एकड़ खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है। किसानों को डर है कि अगर पानी बढ़ता रहा, तो और गाँव गंभीर खतरे में पड़ सकते हैं।
किसान अपने खेतों से पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से नुकसान की भरपाई की गुहार लगाई है। किसान राजपाल ने कहा, “इस सीज़न में हमने जो कुछ भी उगाया था, वह सब पानी में डूब गया है। हमें नहीं पता कि हम इस नुकसान से कैसे उबरेंगे। सरकार को हमें मुआवज़ा देना चाहिए।”
एक अन्य निवासी शिव कुमार ने कहा, “पानी ने हमारे धान के खेतों को तबाह कर दिया है। अगर नदी का जलस्तर और बढ़ा, तो हमारे घर भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।” एक अन्य निवासी सुरेश ने कहा, “हम हर मानसून में डर के साये में जीते हैं। जब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता, हम जैसे किसान इसी तरह परेशान होते रहेंगे।”