गुरुग्राम, 3 सितंबर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राव नरबीर के इस अल्टीमेटम के बाद भाजपा असमंजस में है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी तो वह कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे।
नरबीर, जो दावा कर रहे हैं कि वे बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के लिए एकमात्र जीतने योग्य उम्मीदवार हैं, ने कल रात एक सार्वजनिक बैठक में घोषणा की कि उनका निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है, और यदि भाजपा उन्हें शामिल नहीं करती है, तो वे अलग हो जाएंगे। उनके बयान ने कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत की खबरों को पुख्ता कर दिया है।
उन्होंने कहा, “2019 में मुझे टिकट नहीं मिला। इस बार मैं निर्दलीय के तौर पर चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैदान में केवल दो पार्टियां हैं, इसलिए अगर भाजपा मुझे टिकट नहीं देती है, तो मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा।”
वे उम्मीदवारों की सूची की घोषणा से ठीक पहले दबाव की रणनीति अपनाने वाले पार्टी के नवीनतम नेता हैं। पूर्व सांसद और वरिष्ठ पार्टी नेता सुधा यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा के कारण नरबीर की संभावनाएं धूमिल होती दिख रही हैं। हालांकि इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुधा ने बादशाहपुर से टिकट मांगा है। नरबीर को गुरुग्राम के सांसद और राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भी कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ रहा है, जो वर्तमान में बादशाहपुर सहित अहीरवाल में टिकटों के आवंटन पर प्रभाव डाल रहे हैं।
नरबीर ने पिछले चुनाव में टिकट न मिलने के लिए जहां इंद्रजीत को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं इंद्रजीत ने बार-बार इस बात को उजागर किया है कि कैसे नरबीर गुट ने लोकसभा चुनाव में उनके और 2019 के चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम किया।
2019 में चुनाव लड़कर हार चुके मनीष यादव भी टिकट की दौड़ में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव और पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल यादव भी मैदान में हैं।