September 22, 2024
National

10 वर्षों में सरकार ने हर दिन ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया : मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली, 13 जुलाई । तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को इमरजेंसी का ऐलान किया था। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने अब 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसका उत्तर देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री से कहा कि 10 वर्षों में आपकी सरकार ने हर दिन ‘संविधान हत्या दिवस’ ही तो मनाया है। आपने देश के हर गरीब व वंचित तबके से हर पल उनके आत्मसम्मान को छीना है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “जब मध्य प्रदेश में भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करता है या जब यूपी के हाथरस की दलित बेटी का पुलिस जबरन अंतिम संस्कार कर देती है, तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है? जब हर 15 मिनट में दलितों के खिलाफ एक बड़ा अपराध होता है और हर दिन छह दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है, तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “जब अल्पसंख्यकों पर ग़ैरक़ानूनी बुलडोजर का प्रकोप होता है, जिसमें दो वर्षों में ही 1.5 लाख घरों को तोड़कर 7.38 लाख लोगों को बेघर बनाया जाता है, तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है? जब मणिपुर 13 महीनों से हिंसा के चपेट में है और आप वहां कदम तक रखना नहीं पंसद करते, तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?”

उन्होंने भाजपा से पूछा, “क्या ये सच नहीं है कि आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि ‘भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें भारतीय कुछ भी नहीं है’ और क्या यहां आरएसएस भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी बाबासहेब डॉ. अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में नहीं खड़ी हुआ?”

उन्होंने कहा, ”जब आपने मनमाने तरीके से नोटबंदी लागू करके, आरबीआई जैसी संस्था को कुचला, बैंकों की लाइनों में खड़ा करके 120 लोगों की जान ली और ताली बजा-बजाकर ‘घर में शादी है, पर पैसे नहीं हैं’ कहकर आम जनता का मखौल उड़ाया, तो वो संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?”

Leave feedback about this

  • Service