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तकनीकी संस्थानों के छात्रों के लिए प्रशिक्षुता नीति पर विचार कर रही सरकार: मुख्यमंत्री

Government considering apprenticeship policy for students of technical institutes: Chief Minister

शिमला, 12 जून मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य सरकार तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों के विद्यार्थियों को विभिन्न सरकारी विभागों में एक वर्षीय अप्रेंटिसशिप पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने के लिए नीति पर विचार कर रही है।

कंडाघाट में दिव्यांगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा मुख्यमंत्री ने बच्चों के लिए बेहतर प्रबंधन और बेहतर सुविधाओं के लिए प्री-नर्सरी स्कूलों को आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में एक आदर्श राज्य स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र तथा सोलन जिले के कंडाघाट के टिक्करी में एक उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जाएगा, ताकि लगभग 300 बहु-दिव्यांग विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को कांगड़ा जिले के लुथान और मंडी जिले के सुंदरनगर में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसर का निर्माण डेढ़ वर्ष के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।

सुखू ने यहां तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभाग को राज्य में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले निजी संस्थानों को विनियमित करने और निगरानी करने के लिए एक तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया। राज्य में कुल 364 तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में से 184 निजी हैं।

मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा विभाग को संसाधनों को सुव्यवस्थित करने और दक्षता में सुधार लाने के लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को एक ही परिसर में एकीकृत करने की संभावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने विभाग को उद्योग-उन्मुख और रोजगार प्रदान करने वाले नए युग के पाठ्यक्रमों की खोज करने का भी आदेश दिया ताकि युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर प्रदान किए जा सकें। उन्होंने कहा, “उद्योगों में आवश्यक कौशल और उपलब्ध प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता की निगरानी के लिए एक राज्य स्तरीय सेल की स्थापना की जाएगी।”

सुखू ने कहा कि विभाग ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में 1,077 संकाय सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में नवीनतम शिक्षण विधियों और प्रौद्योगिकियों से अवगत रहने के लिए प्रशिक्षण दिया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शिक्षा के मानकों को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री ने यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं और चल रही परियोजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कांगड़ा जिले के लुथान और मंडी जिले के सुंदरनगर में बन रहे मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसर का निर्माण डेढ़ साल के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने विभाग को 132 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ 20 जुलाई से पहले लुथान में सिविल कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। लुथान में सुविधा 400 लोगों के रहने के लिए बनाई गई है।

सुखू ने कहा कि मंडी जिले के सुंदरनगर में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुखआश्रय परिसर अनाथों, विधवाओं, एकल महिलाओं और बुजुर्गों को सुविधाएं प्रदान करेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दोनों परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करें ताकि लाभार्थियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

सुखू ने कहा कि छात्रावास सुविधा उपलब्ध न होने की स्थिति में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अनाथ बच्चों के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक की सहायता का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग को अनाथ बच्चों को करियर काउंसलिंग प्रदान करने, उन्हें रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की ओर मार्गदर्शन करने और इस उद्देश्य के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पात्र विधवा या ‘एकल नारी’ के 27 वर्ष की आयु तक के प्रत्येक बच्चे को 1,000 रुपये मासिक वजीफा मिलेगा तथा 18 से 27 वर्ष की आयु के सभी पात्र बच्चों को मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान की जाएगी।

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