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सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में बीते एक दशक में की 5 गुना से अधिक की बढ़ोतरी

Government has increased expenditure on infrastructure by more than 5 times in the last decade

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हाइवे, रेलवे और पोर्ट्स जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सरकारी निवेश 2024 में बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि 2014 में यूपीए के समय में 2 लाख करोड़ रुपये था। यह बीते एक दशक में 5 गुना से अधिक की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

बजट पर बातचीत करते हुए सिंधिया ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को ही चार जातियां मानते हैं और 2025-26 का बजट इन चार वर्गों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बीते एक साल में 6,000 किलोमीटर के हाइवे और 2,031 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाई गई है।

इसके अलावा 10,700 गांवों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए टावर लगाए गए हैं।

सिंधिया ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 3.2 प्रतिशत है। वहीं, भारत की जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत पर बनी हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.5 प्रतिशत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगले दो वर्षों में जर्मनी और जापान को पछाड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। हमारा लक्ष्य 2028 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।”

सिंधिया ने आगे कहा कि बैंकिंग क्षेत्र 2014 में कुल ऋणों के 11.5 प्रतिशत के एनपीए के भारी बोझ से जूझ रहा था, जो पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की देन थी। मोदी सरकार ने बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई सुधार लागू किए हैं, जिससे एनपीए घटकर 2.6 प्रतिशत रह गया है।

सिंधिया ने कहा कि भारतीय डाक विभाग, जिसके पास 1.64 लाख डाकघर और चार लाख डाकिए हैं, को लॉजिस्टिक्स केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा।

इसके अलावा देश में 2.12 लाख ग्राम पंचायतों को भारतनेट के माध्यम से जोड़ा गया है और देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है।

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