राज्य सरकार जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर आधुनिक सुविधाओं से लैस आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने की योजना बना रही है। पहले चरण में 88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 493 पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रिंसिपल सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कॉलेज प्रिंसिपलों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों को बढ़ाने तथा शिक्षा विभाग में विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, “इस दृष्टिकोण से सुशासन सुनिश्चित होगा और विभिन्न कार्यों को समय पर पूरा किया जा सकेगा।” इसके अलावा, उन्होंने कहा, प्रधानाचार्यों को जरूरतमंद विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का अधिकार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे तथा जिला स्तर के महाविद्यालयों को सुदृढ़ बनाने तथा दूरदराज के क्षेत्रों के महाविद्यालयों को सहायता प्रदान करने के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “सरकार शिक्षण स्टाफ की कमी होने पर प्रति घंटा आधारित पीरियड की अवधारणा शुरू करने पर काम कर रही है। इसके अलावा, सरकार नियमित आधार पर शिक्षकों की भर्ती सुनिश्चित कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करने और पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाले कॉलेजों में बी.एड. पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना भी पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा, “अगले वित्तीय वर्ष में शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेंगे, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संस्थानों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा को आधुनिक बनाने और नवीनतम चिकित्सा तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए अभिनव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, “इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शैक्षणिक संस्थानों के लिए रैंकिंग प्रणाली शुरू करने वाला राज्य देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा, “इस पहल से संस्थानों का स्व-मूल्यांकन और ऑडिटिंग सुनिश्चित होगी, जिससे उन्हें अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि उच्च रैंकिंग वाले संस्थानों को प्रदर्शन-आधारित अनुदान से पुरस्कृत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सरकारी डिग्री कॉलेजों और संस्कृत कॉलेजों में पुस्तकालयों की ग्रेडिंग भी जारी की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार व्यवस्थागत परिवर्तन के उद्देश्य से सभी सरकारी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) रिकॉर्ड करने के लिए एक नई संख्यात्मक-आधारित ऑनलाइन प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी, जो मौजूदा प्रारूप को प्रतिस्थापित करेगी, जिससे कई सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।”
इस अवसर पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “बुनियादी ढांचे में सुधार और शैक्षणिक संस्थानों में रिक्त पदों को भरने में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।” उन्होंने कहा, “वैश्विक शिक्षा मानकों के अनुरूप आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं और रोजगार और आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट पाठ्यक्रम पर विचार किया जा रहा है।”
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