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यूनियन कार्बाइड का कचरा ले जाने के लिए भोपाल से पीथमपुर तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर

Green corridor will be built from Bhopal to Pithampur to carry Union Carbide's waste.

भोपाल, 31 दिसंबर । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड संयंत्र में जमा रासायनिक कचरा को पीथमपुर में जलाए जाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह कचरा 12 कंटेनर में भोपाल से पीथमपुर तक ले जाया जाएगा और इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनेगा।

यूनियन कार्बाइड संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को जहरीली गैस का रिसाव हुआ था और इस हादसे में हजारों लोग मारे गए थे। इसके दुष्प्रभाव के कारण लाखों लोग बीमारी का दंश झेल रहे हैं। इतना ही नहीं संयंत्र परिसर में बड़ी तादाद में रासायनिक कचरा हादसे के बाद से दबा हुआ है और इसे नष्ट करने की कोशिश काफी समय से चल रही है।

गैस राहत एवं पुनर्वास, संचालक, स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की ओवर साइट कमेटी के निर्देशों एवं सुपरविजन के अनुसार यूनियन कार्बाइड के शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट के विनष्टीकरण की कार्यवाही की जा रही है। 337 मीट्रिक टन अपशिष्ट की पैकिंग, लोडिंग और परिवहन सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ विशेष 12 कंटेनरों से परिवहन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड तथा क्विक रिस्पांस टीम रहेगी। यह कंटेनर लीक प्रूफ एवं फायर रेजिस्टेंट हैं। प्रति कंटेनर दो प्रशिक्षित ड्राइवर नियुक्त किए गए हैं। इन कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस से मॉनिटर किया जाएगा। अपशिष्ट का परिवहन भोपाल से पीथमपुर टीएसडीएफ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक तथा अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिए धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां भस्मीकरण से अपशिष्ट पदार्थों का विनष्टीकरण किया जाता है। यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा जनित खतरनाक एवं रासायनिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिए स्थापित किया गया है। यह प्लांट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार के तहत संचालित है।

सीपीसीबी की मॉनिटरिंग में सभी निर्धारित पैरामीटर के अनुसार सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 10 मीट्रिक टन अपशिष्ट विनिष्टिकरण का ट्रॉयल रन 2015 में किया गया। शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का निष्पादन किया जा रहा है।

पीथमपुर में अत्याधुनिक बुनियादी ट्रीटमेंट, स्टोरेज एवं डिस्पोजल फैसिलिटी (टीएसडीएफ) के अनुसार, वर्ष 2006 से अन्य संस्थाओं के अपशिष्ट का भस्मीकरण ठीक उसी प्रकार से किया जा रहा है, जैसे लगातार क्रियाशील यूसीआईएल में अपशिष्ट संग्रहित हैं।

देश में पीथमपुर जैसे 42 संयंत्र क्रियाशील हैं, जिसमें ऐसे रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का उपचार उपरांत निपटान किया जाता है। पीथमपुर में स्थापित यह कॉमन हैजर्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल फैसिलिटी एक अत्याधुनिक सुविधा है, जिसमें खतरनाक कचरे को सटीकता और सुरक्षा के साथ निष्पादन करने हेतु डिजाइन किया गया है।

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