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गुजरात हाई कोर्ट ने मोतियाबिंद सर्जरी के बाद रौशनी कम होने की रिपोर्ट पर कार्रवाई की

Gujarat High Court takes action on reports of loss of vision after cataract surgery

अहमदाबाद, 17 जनवरी । गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को अहमदाबाद जिले के विरमगाम तालुका में मंडल रामानंद ट्रस्ट अस्पताल में सर्जरी के बाद की जटिलताओं से संबंधित रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया।

न्यायमूर्ति ए.एस. सुपेहिया और न्यायमूर्ति विमल व्यास की पीठ ने रिपोर्टों पर स्वास्थ्य सचिव और अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया।

अदालत ने प्रभावित रोगियों की उचित देखभाल की आवश्यकता पर जोर दिया और सरकार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी।

इस घटनाक्रम को देखते हुए रामानंद ट्रस्ट अस्पताल में सभी ऑपरेशन अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं।

मामले की गहन जांच से पता चला कि अस्पताल में 1 जनवरी से 10 जनवरी के बीच 74 व्यक्तियों की आंखों की सर्जरी हुई।

अंतिम दिन 10 जनवरी को मोतियाबिंद सर्जरी कराने वाले 29 मरीजों में से 17 ने सर्जरी के बाद रौशनी कम होने की बात कही।

वर्तमान में पांच लोग असारवा सिविल अस्पताल में और 12 रामानंद ट्रस्ट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, जिसका प्रबंधन सेवानिकेतन ट्रस्ट करता है।

सर्जरी कराने वालों में मरीजों में से नौ अहमदाबाद जिले से, 12 सुरेंद्रनगर जिले से और आठ पाटन जिले से हैं।

असारवा सिविल अस्पताल के चिकित्सा पेशेवरों ने संकेत दिया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि दृष्टि हानि सर्जरी के बाद इस्तेमाल की गई आंखों की दवा (आई डॉप) के कारण होने वाले संक्रमण से जुड़ी हो सकती है। किसी भी मरीज़ की दृष्टि पूरी तरह ख़राब नहीं हुई है।

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