सिरसा साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के ज़रिए 200 प्रतिशत मुनाफ़े का लालच देकर फतेहाबाद निवासी से 7.4 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में गुजरात से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस की एक टीम को अहम जानकारी मिलने के बाद संदिग्ध को गुजरात के बनासकांठा ज़िले में खोजा गया।
सिरसा के एसपी दीपक सहारन ने बताया कि पीड़ित ने पिछले दिसंबर में बताया था कि उसे 10 अक्टूबर, 2024 को एक अनसेव्ड नंबर से एक मैसेज मिला था जिसमें दावा किया गया था कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग के ज़रिए 200 प्रतिशत मुनाफ़ा कमा सकता है और अपनी कमाई मिलने के बाद उसे धोखेबाज़ों को सिर्फ़ 20 प्रतिशत हिस्सा देना होगा। अपराधियों ने धीरे-धीरे उसका विश्वास जीत लिया और उसे “टीम ज़ेरोधा” नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया, जहाँ उसे यकीन दिलाने के लिए मुनाफ़े के फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट पोस्ट किए गए।
पीड़ित ने ग्रुप में शेयर किए गए एक लिंक पर क्लिक किया, जिससे उसे “जेडी ट्रेड प्रो” नाम का एक ऐप डाउनलोड करने का मौका मिला। उसने ऐप पर रजिस्ट्रेशन किया और नेट बैंकिंग के ज़रिए निवेश करना शुरू कर दिया। एसपी सहारन ने बताया कि पीड़ित ने पहले 2.9 लाख रुपये का निवेश किया और ऐप व व्हाट्सएप ग्रुप में दिखाई गई फर्जी मुनाफ़े की प्रविष्टियों ने उसे निवेश जारी रखने के लिए राज़ी कर लिया। आखिरकार, उसने कुल 7.4 लाख रुपये जमा कर दिए।
जब पीड़ित ने अपने पैसे निकालने की कोशिश की, तो जालसाज़ों ने 5 लाख रुपये और मांगे। ठगी का एहसास होने पर, उसने पुलिस से संपर्क किया। उसकी शिकायत के आधार पर सिरसा साइबर थाने में धोखाधड़ी और साइबर अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांचकर्ताओं ने आरोपी का पता लगाया और बनासकांठा जिले के एक दर्जी, भूरा भाई के बेटे अल्पेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया, जो वर्तमान में गुजरात के डिसा में रह रहा है। पुलिस ने बताया कि उसे अदालत में पेश किया जाएगा और ठगी की गई रकम बरामद करने के लिए आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। जांच जारी है और धोखाधड़ी के नेटवर्क में और संदिग्धों की पहचान हो सकती है।
पुलिस ने जनता से आग्रह किया कि वे अनजान लोगों के साथ अपनी बैंकिंग जानकारी साझा न करें और ऑनलाइन निवेश प्रस्तावों से सावधान रहें। एसपी सहारन ने सलाह दी कि साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को तुरंत अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करना चाहिए या संदिग्ध लेनदेन को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करना चाहिए।

