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गुर्जर नेता बैंसला की राज्य सरकार को चेतावनी, 8 जून को पीलूपुरा में महापंचायत का ऐलान

Gujjar leader Bainsala warns state government, announces Mahapanchayat in Pilupura on June 8

जयपुर, 2 जून। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राजस्थान सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर समुदाय की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आगामी 8 जून को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में एक निर्णायक महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जहां भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।

यह बयान उन्होंने दौसा जिले के महुवा क्षेत्र स्थित पीपलखेड़ा में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा के दौरान दिया। बैंसला ने राज्य सरकार पर समुदाय से किए गए वादों को निभाने में विफल रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “हम तब तक घर नहीं लौटेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं। सरकार पिछले 17 महीनों से हाथ पर हाथ धरे बैठी है।”

गुर्जर आरक्षण समिति द्वारा महापंचायत से पहले जारी एक पोस्टर में कई लंबित मांगों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें कहा गया है कि रोस्टर प्रणाली में संशोधन: वर्तमान प्रणाली में पूरी आरक्षण सुविधा नहीं मिल पा रही है। समिति चाहती है कि राज्य स्तर पर इस प्रणाली को लागू किया जाए ताकि उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।

इसके साथ ही विशेष पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार को मंत्रिमंडल से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए और पिछले आंदोलनों के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की गई है।

देवनारायण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कहा गया है कि योजना पिछले 17 महीनों से निष्क्रिय है। न तो स्कूटी वितरण हुआ और न ही छात्रवृत्तियां दी गईं। समिति चाहती है कि इस योजना की मासिक समीक्षा बैठकें दोबारा शुरू हों।

इसके साथ ही, आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को नौकरी और उचित मुआवज़ा दी जाए। साथ ही कहा गया है कि सरकार के साथ पहले हुए सभी समझौतों को लागू करना और लंबित भर्तियों को पूरा करना चाहिए।

इस कार्यक्रम में पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह महुवा ने भी समुदाय से अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने खासतौर पर खेडला बुजुर्ग में पंचायत पुनर्गठन में भेदभाव का आरोप लगाया और 30 मई को एक और बैठक में भाग लेने की अपील की, ताकि क्षेत्र में नई पंचायत समिति की मांग को बल मिल सके।

इस श्रद्धांजलि सभा में कई समुदाय नेताओं और सदस्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, जो गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता रहे हैं, को भी याद किया गया।

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