गुरदासपुर जिले के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने एक मिसाल कायम करते हुए साढ़े तीन फुट की गर्भवती महिला रिम्पी का सफल ऑपरेशन किया। बताया जा रहा है कि महिला की सुरक्षित डिलीवरी हुई और उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
गुरदासपुर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीजों को अमृतसर रेफर करने के बजाय खुद ही उनका ऑपरेशन करने का फैसला किया।
सरकारी डॉक्टरों की टीम ने तीन फुट लंबी महिला की पहली सिजेरियन डिलीवरी की। पहले अस्पताल ने मरीज को अमृतसर भेजने का फैसला किया था, लेकिन मरीज की हालत और तत्कालिकता को देखते हुए टीम ने ऑपरेशन करने का फैसला किया।
अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट से टीम को आपातकालीन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई और डॉक्टरों ने हिम्मत दिखाते हुए इस तरह का पहला सफल ऑपरेशन किया। डॉक्टरों ने बताया कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
रिम्पी का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर स्मिता और उपासना ने बताया कि
रिम्पी को यदि रीढ़ की हड्डी पर एनेस्थेटिक इंजेक्शन लगाया जाता तो उसे तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती। क्योंकि अगर छोटे कद के लोगों की रीढ़ की हड्डी पर एनेस्थेटिक इंजेक्शन लगाया जाता है तो वह सिर की तरफ जा सकता है। वेंटिलेटर उपलब्ध न होने के कारण पहले तो उसे अमृतसर भेजना उचित समझा गया, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसने डॉक्टरों से अनुरोध किया कि ऑपरेशन यहीं किया जाए, फिर आला अधिकारियों डॉ. भारत भूषण सीएमओ, डॉ. रोमी राजा महाजन डीएमसी, अरविंद महाजन सीएमओ डॉ. विशाल व अन्य टीम के सामूहिक सहयोग से रिम्पी का सिविल अस्पताल गुरदासपुर में ही ऑपरेशन किया गया जो सफल रहा।
डॉक्टरों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट से आवश्यक ऑक्सीजन मुहैया करवाई गई और उच्च अधिकारियों ने हर समय इस ऑपरेशन पर अपनी नजर बनाए रखी। रिम्पी का ऑपरेशन अच्छे से चल रहा है और अब उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे की हालत भी पूरी तरह से ठीक है। सरकारी डॉक्टरों ने दावा किया है कि अब वे हर गंभीर बीमारी का इलाज गुरदासपुर में ही करने की कोशिश करेंगे।
सिविल सर्जन डॉ. भारत भूषण और डीएमसी डॉ. रोमी राजा महाजन ने इस सफलता के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है।
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