हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एक टीम ने जिले में एक व्यापारिक कंपनी (उर्वरक का खुदरा लाइसेंसधारी) के कृषि ग्रेड सब्सिडी वाले यूरिया के स्टॉक में विसंगतियां पाई हैं।
टीम ने यह भी पाया कि लाइसेंसधारी ने उर्वरक की दुकान चलाने के लिए अपना लाइसेंस अवैध रूप से किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर दे दिया था।
जगाधरी के उप-मंडल कृषि अधिकारी अजय कुमार की शिकायत पर जावेद और उसकी फर्म के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, उर्वरक (नियंत्रण) आदेश और बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।
जानकारी के अनुसार, यमुनानगर के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) आदित्य प्रताप डबास के निर्देश पर जगाधरी के उप-मंडल कृषि अधिकारी अजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने 23 अगस्त को एक व्यापारिक कंपनी का निरीक्षण किया।
टीम ने पाया कि लाइसेंसधारी ने उर्वरक (नियंत्रण) आदेश की धारा 8 का उल्लंघन करते हुए, उर्वरक की दुकान चलाने के लिए लाइसेंस को मासिक किराए के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति को उप-पट्टे पर दे दिया था।
टीम को स्टॉक में भी विसंगतियाँ मिलीं। वास्तविक स्टॉक 743 बोरी यूरिया का था, जबकि स्टॉक रजिस्टर में 852 बोरी और पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) मशीन के रिकॉर्ड में 848 बोरी यूरिया दर्ज थी, जो हेरफेर और गलत प्रविष्टियों का संकेत है।