N1Live Haryana हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विकास कार्यों के लिए 2,400 करोड़ रुपये की घोषणा की
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विकास कार्यों के लिए 2,400 करोड़ रुपये की घोषणा की

Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini announces Rs 2,400 crore for development works

पंचकूला, 13 जुलाई राज्य सरकार ने आज राज्य में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 2,400 करोड़ रुपये के व्यय की घोषणा की, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 900-900 करोड़ रुपये शामिल हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक ‘पंचायत सम्मेलन’ के दौरान यह घोषणा की, जिसमें राज्य भर से पंच और सरपंच शामिल हुए। सरकार ने सरपंचों का मासिक मानदेय भी बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया है।

शुक्रवार को पंचकूला में पंचायत सम्मेलन के दौरान अंदर जाने के लिए सरपंच और पंचों में धक्का-मुक्की। ट्रिब्यून फोटो
सैनी ने कहा कि राज्य ने पंचायतों का वार्षिक बजट 2014 में 600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस वित्त वर्ष में 7,276 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने सरपंचों की व्यय सीमा बढ़ा दी है और विकास कार्यों के लिए जितनी जरूरत होगी, उतनी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में विकास कार्यों पर 2,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। “इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कामों के लिए 900-900 करोड़ रुपये शामिल हैं। हमने एससी, बीसी चौपालों के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 118 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं।”

उन्होंने विकास कार्यों के लिए राज्य वित्त आयोग से 492 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की, जिसे सरपंचों के माध्यम से खर्च किया जाएगा। सैनी ने सरपंचों और पंचों के मानदेय में भी वृद्धि करने की घोषणा की।

राज्य ने जिला परिषद अध्यक्ष की पेंशन 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये और उपाध्यक्ष की पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी है। पंचायत समितियों के अध्यक्षों को 2,200 रुपये और पंचायत समितियों के उपाध्यक्षों को 1,125 रुपये पेंशन मिलेगी। सरपंचों की पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी गई है। सरपंचों का मानदेय 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये और पंचों का मानदेय 600 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपये कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री द्वारा सरपंचों के लिए मानदेय की घोषणा पर हंगामा मच गया और सभा ने मांग की कि इसे बढ़ाकर 11,000 रुपये किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि वे इस मामले पर चर्चा करने के लिए अपने कार्यालय में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजें।

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