हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ‘वीर बल दिवस’ के अवसर पर लोगों से गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों, साहिबजादों द्वारा दिए गए बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को साहिबजादों की तरह साहस, त्याग और समर्पण के मूल्य सिखाएं और उनके जीवन में भी इन मूल्यों को शामिल करें। यही उनके अद्वितीय बलिदान के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने धार्मिक नेताओं और सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे नशे जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट होकर जन आंदोलन चलाएं, ताकि इस गंभीर समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके और युवाओं को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र में आयोजित राज्य स्तरीय वीर बाल दिवस समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने के लिए प्रेरणा का काम करता है। उन्होंने कहा, “इतनी कम उम्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर साहिबजादों की अमर गाथा इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई है।”
श्री नायब सिंह सैनी ने वीर साहिबजादों के शहीदी दिवस को प्रतिवर्ष वीर बल दिवस के रूप में मनाने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से अब देशभर में हर साल 26 दिसंबर को वीर बल दिवस बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 20 से 27 दिसंबर 1704 के बीच श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार के सभी सदस्यों ने धर्म की रक्षा और आम लोगों की भलाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार की शहादत को विश्व इतिहास का सबसे बड़ा बलिदान बताया। उन्होंने कहा कि उनका बलिदान देश, धर्म और समाज की रक्षा तथा कमजोरों और असहायों की रक्षा के लिए दिया गया।
उन्होंने कहा कि अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने समस्त मानवता को सत्य, न्याय और धार्मिकता का शाश्वत संदेश दिया।
साहिबजादों की शहादत का बदला लेने वाले महान वीर बाबा बंदा सिंह बहादुर जी को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पहले सिख सेनापति थे जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के मिथक को तोड़ा। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के संकल्प को पूरा करते हुए संप्रभु सिख राज्य की राजधानी लोहगढ़ की नींव रखी, जो हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित है।
सिख समुदाय को साहसी बताया, देश और समाज के लिए 10 महान गुरुओं के बलिदान पर प्रकाश डाला
सिख समुदाय को साहसी और वीर समुदाय बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म ने देश को 10 महान गुरुओं का तोहफा दिया है, जिनमें से प्रत्येक ने देश और समाज के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी सहित सभी गुरुओं का हरियाणा की पवित्र भूमि से गहरा नाता रहा है।
He also mentioned Kushal Dahiya, a resident of Badkhalsa village in Sonipat, Haryana, who gave his life to bring the revered head of Shri Guru Teg Bahadur Ji, the Chadar of Hind, to Anandpur Sahib.
यमुनानगर में कपालमोचन तीर्थ का जिक्र करते हुए श्री नायब सिंह सैनी ने इसके ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह वही पवित्र स्थान है जहां से प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी ने सर्वधर्म समभाव के तहत लंगर, संगत और पंगत की अवधारणा शुरू की थी। उन्होंने आगे कहा कि भगनी युद्ध के बाद श्री गुरु गोबिंद सिंह जी 52 दिनों तक कपालमोचन में रहे और दस्तारबंदी की प्रथा शुरू की। इसी तरह, उन्होंने बताया कि अंबाला जिले का लखनौर साहिब अकालपुरख श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का ननिहाल था, जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया।
उन्होंने यह भी बताया कि समय के साथ, आठ सिख गुरुओं ने धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र और हरियाणा के अन्य क्षेत्रों का दौरा किया, जिससे गुरुओं और हरियाणा की भूमि के बीच गहरे आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंध और मजबूत हुए।
Haryana Govt. commemorates 400th Prakash Parv of Guru Teg Bahadur
नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाने के निर्णय के बाद हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2022 में पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा।
जिस मैदान पर यह समारोह आयोजित किया गया, उसका नाम ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी मैदान’ रखा गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इससे पहले भी राज्य सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में इसी तरह के राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब के लिए 70 कनाल भूमि आवंटित की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा जाएगा। इसी तरह असंध में एक कॉलेज का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम पर वीएलडीए कॉलेज की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि महान गुरु के सम्मान में पंचकूला से पौंटा साहिब राष्ट्रीय राजमार्ग का नाम बदलकर गुरु गोविंद मार्ग रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा भर में गोल चक्कर, गेट, पुस्तकालय और सड़कों सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थानों का नाम गुरुओं के नाम पर रखा गया है, जिससे सिख गुरुओं की विरासत को और अधिक संरक्षित और बढ़ावा दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहगढ़ भगवानपुर को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए लोहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर ट्रस्ट की स्थापना की गई है।
To encourage religious tourism, Haryana has launched the Swarn Jayanti Guru Darshan Yatra Yojana, providing financial assistance to pilgrims visiting prominent Sikh shrines such as Hazur Sahib Gurudwara, Nankana Sahib, Hemkund Sahib, and Patna Sahib.
भाजपा प्रत्येक मण्डल स्तर पर मना रही वीर बाल दिवस – मोहन लाल बड़ौली
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष श्री मोहन लाल बडौली ने देश के लिए सिख गुरुओं के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति उनके बलिदान को याद रखने और भावी पीढ़ियों के साथ साझा करने पर निर्भर करती है।
उन्होंने हरियाणा के लोगों की भावनाओं को पहचानने तथा राज्य के गुरुओं और शहीदों को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया और आग्रह किया कि यह कार्य प्रगति को गति प्रदान करता रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता प्रत्येक मंडल स्तर पर वीर बल दिवस मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इतिहास के अनदेखे अध्याय को उजागर करने के लिए वीर बल दिवस की घोषणा की
इससे पहले, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री के.एम. पांडुरंग ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा कहा कि यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करता है, जिन्होंने अपनी आस्था और सिद्धांतों की रक्षा के लिए छोटी आयु में अपने प्राणों की आहुति दे दी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिन को वीर बल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि इतिहास के उस अध्याय की ओर ध्यान आकृष्ट किया जा सके जिसे कई वर्षों से नजरअंदाज किया गया था। परिणामस्वरूप, आज यहां वीर बल के शौर्य और बलिदान को याद करने के लिए राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर ओएसडी डॉ. प्रभलीन और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री सुभाष सुधा तथा सिख समुदाय के कई प्रमुख नेता भी उपस्थित थे।
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