पुलिस ने रविवार को बताया कि एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले आरोपियों में से एक हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें उसके खिलाफ हत्या का एक मामला भी शामिल है।
तेईस वर्षीय सिंह के परिवार ने कहा कि उन्होंने 11 साल पहले उसे त्याग दिया था और उसके कृत्य के लिए कड़ी सजा की मांग की है।
मुंबई पुलिस ने दो कथित हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है – हरियाणा निवासी सिंह और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप। पुलिस ने बताया कि तीसरा आरोपी शिव कुमार फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि तीनों के खिलाफ हत्या समेत भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं और शस्त्र अधिनियम तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सिंह के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा देते हुए कैथल के पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आरोपी को 2019 में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें बाद में उसे जमानत मिल गई थी।
हरियाणा पुलिस के अधिकारी ने बताया कि 2022 में जेल में उसके पास से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि उस पर एक युवक की पिटाई का एक और मामला दर्ज किया गया था।
सिंह की दादी फूली देवी ने कैथल में संवाददाताओं से कहा कि परिवार ने 11 साल पहले उसे त्याग दिया था। उन्होंने नरार गांव में अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, “उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। परिवार ने पिछले ग्यारह सालों से उसे त्याग दिया है। अब वह हमारे लिए कुछ भी नहीं है।”
यह पूछे जाने पर कि सिंह ने क्या काम किया, उनकी दादी ने कहा, “उसने कुछ नहीं किया। वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। वह चार साल तक जेल में रहा।” उन्होंने कहा कि उसे उसके कामों के लिए कानून के अनुसार कठोर सजा मिलनी चाहिए।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मुंबई पुलिस ने पूर्व महाराष्ट्र मंत्री की हत्या की जांच विभिन्न कोणों से शुरू की है, जिसमें संभावित सुपारी हत्या, व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि वे एक सोशल मीडिया पोस्ट की भी जांच कर रहे हैं जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य ने हत्या की जिम्मेदारी ली है।
बाबा सिद्दीकी (66) को शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ़्तर के बाहर तीन लोगों ने घेर लिया और गोली मार दी। उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।