पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान “ड्रग्स के खिलाफ युद्ध” के तहत आज हुसैनीवाला बॉर्डर के बैरियर चेकपॉइंट पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर के मार्गदर्शन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 155वीं बटालियन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल थी।
सेमिनार में ग्राम प्रधानों, पंचायत सदस्यों तथा आसपास के सीमावर्ती गांवों के बड़ी संख्या में निवासियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
बीएसएफ की 155वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट महेश वर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए आगाह किया कि दुश्मन सीमा के पास भारतीय खेतों में ड्रग की खेप गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, खास तौर पर पंजाब के युवाओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने किसानों और ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध वस्तु की सूचना तुरंत बीएसएफ को देने का आग्रह किया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल सामूहिक प्रयास से ही ड्रग की समस्या को हराया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के जिला मास मीडिया अधिकारी संजीव शर्मा ने जागरूकता की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि अगर अभी कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ियों को इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने इस लड़ाई में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और इस बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए समुदाय के व्यापक समर्थन का आह्वान किया।
उप एमएमओ अंकुश भंडारी ने उपस्थित लोगों को बताया कि फिरोजपुर जिले में 19 ओएसटी (ओपिओइड सब्सटीट्यूशन थेरेपी) केंद्र और सिविल अस्पताल में एक नशा मुक्ति केंद्र है, जो नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों को मुफ्त उपचार और दवा प्रदान करता है।
इस अवसर पर बीएसएफ इंस्पेक्टर सर्वेश कुमार, ब्लॉक शिक्षक अमन कंबोज, स्वास्थ्य निरीक्षक अमरजीत सिंह तथा पंजाब सिंह, गुरबचन सिंह, मलकीत सिंह और सुखविंदर सिंह सहित कई ग्राम प्रधान उपस्थित थे।