फिरोजपुर, 1 जुलाई: सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर के दिशा-निर्देशों के तहत फिरोजपुर जिले के सभी स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केंद्रों में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक महीने भर चलने वाला गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (आईडीसीएफ) अभियान शुरू किया गया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य दस्त के कारण बच्चों में मृत्यु दर को शून्य करना है।
सरल शब्दों में डायरिया का मतलब है सामान्य से ज़्यादा बार, आमतौर पर दिन में तीन या उससे ज़्यादा बार, पतला, पानी जैसा मल आना। यह कई स्थितियों का लक्षण हो सकता है, जिसमें मामूली संक्रमण से लेकर ज़्यादा गंभीर पाचन संबंधी समस्याएँ शामिल हैं।
डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि इस पहल के तहत पांच साल से कम उम्र के बच्चों को शामिल किया जाएगा। उन्हें ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) के पैकेट और जिंक की गोलियां दी जाएंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों में डायरिया से होने वाली अधिकांश मौतों को ओआरएस और जिंक के सही समय पर और सही तरीके से सेवन के साथ-साथ उचित पोषण से रोका जा सकता है।
सिविल अस्पताल फिरोजपुर में मास मीडिया शाखा द्वारा आयोजित जागरूकता सेमिनार के दौरान जिला स्कूल स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ. हरप्रीत कौर और डिप्टी मास मीडिया अधिकारी नेहा भंडारी ने मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया, खासकर बच्चों को खाना खिलाने से पहले साबुन से हाथ धोना, साफ और ढका हुआ पीने का पानी पीना और साफ-सफाई का माहौल बनाए रखना। उन्होंने रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
मास मीडिया अधिकारी संजीव शर्मा और डिप्टी एमएमओ अंकुश भंडारी ने डायरिया से होने वाली बच्चों की मृत्यु को शून्य करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जन सहयोग की अपील की। सभी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों पर ओआरएस और जिंक कॉर्नर स्थापित किए गए हैं, तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता ओआरएस बनाने का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डायरिया के उपचार और रोकथाम के बारे में शिक्षित करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, स्वच्छता प्रथाओं में सुधार लाना और बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए समय पर उपचार सुनिश्चित करना है।
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