राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से जुड़े स्वास्थ्य कर्मचारी चार महीने से वेतन न मिलने के कारण बुधवार को दो घंटे की हड़ताल पर चले गए। जिले भर के कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक काम बंद रखा। इस हड़ताल से जिला नागरिक अस्पताल सिरसा, उप-जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में सेवाएं प्रभावित हुईं। स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एनएचएम से जुड़े डॉक्टर, कर्मचारी और अन्य कर्मचारी 14 अगस्त तक हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक हड़ताल जारी रखेंगे। इस तरह की हड़ताल को ‘पेन डाउन स्ट्राइक’ कहा जाता है। जिले में लगभग 700 एनएचएम कर्मचारी विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं, जिनमें नर्स, फार्मासिस्ट और एएनएम शामिल हैं।
हड़ताल के कारण ओपीडी पंजीकरण, जांचें, दवा वितरण और टीकाकरण जैसी कई सेवाएं ठप रहीं। स्वास्थ्य कर्मचारी विरोध प्रदर्शन के लिए सिविल अस्पताल में एकत्र हुए।
हरियाणा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री विनोद जांगड़ा ने कहा कि कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। इस वजह से उन्हें घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने मांग की कि उनका बकाया वेतन तुरंत दिया जाए और भविष्य में भी समय पर भुगतान किया जाए।
8 अगस्त को सिविल सर्जन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा गया, जिसमें बताया गया कि कई स्वास्थ्यकर्मी अपने बच्चों की स्कूल फीस समय पर नहीं भर पाए हैं। वेतन में देरी के कारण, कुछ पर जुर्माना लगाया गया है और बैंक ऋण समय पर न चुकाने के कारण वे डिफॉल्टर हो गए हैं। उन्हें रोज़मर्रा का खाना और दवाइयाँ खरीदने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन तमाम परेशानियों के बावजूद, स्वास्थ्यकर्मी अपना कर्तव्य निभाते रहे हैं।