मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी बनाने के लिए क्रियान्वित की जा रही विकास परियोजनाओं की प्रगति की वे स्वयं निगरानी करेंगे। उन्होंने यहां मिनी सचिवालय में विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने जिन परियोजनाओं का उल्लेख किया, उनमें बनखंडी में बनने वाला प्राणी उद्यान, पौंग झील में विकसित की जाने वाली जल क्रीड़ा सुविधाएं, गगल हवाई अड्डे का विस्तार और ढगवार में स्थापित किया जा रहा अत्याधुनिक दुग्ध संयंत्र शामिल हैं।
सुक्खू ने कहा कि गग्गल हवाई पट्टी के विस्तार की योजना कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। वर्तमान में हवाई अड्डे पर रनवे की लंबाई मात्र 1376 मीटर है और योजना के अनुसार इसे 3010 मीटर तक बढ़ाया जाएगा ताकि बड़े विमान भी उतर सकें और उड़ान भर सकें। योजना को क्रियान्वित करने के लिए आठ पंचायतों के 14 राजस्व गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2025 से कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक हवाई उड़ानें उपलब्ध होंगी, जिसके लिए स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए राज्य सरकार भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापित हुए लोगों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक मुआवजे की 50 प्रतिशत राशि वितरित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गग्गल हवाई अड्डे का विस्तार होने के बाद वहां विमानों के लिए रात्रिकालीन लैंडिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले में सड़कों को चार लेन का बनाने का काम चल रहा है। जिला प्रशासन को सड़क किनारे सुविधाएं विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पालमपुर में विकसित किए जाने वाले हेलीपोर्ट का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा।
सुखू ने बताया कि पालमपुर में 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए प्रशासनिक एवं व्यय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले के ढगवार में 225 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक दूध संयंत्र के निर्माण कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस दूध संयंत्र में विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे तथा दूध के संग्रहण के लिए 247 सहकारी समितियां बनाई गई हैं।
बैठक में आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू, विधायक नीरज नैय्यर शामिल हुए।
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