राज्य सरकार ने इको-टूरिज्म नीति के तहत ज़िपलाइन साहसिक गतिविधियों को वैध कर दिया है। पर्यटन हितधारकों और उद्यमियों, खासकर लाहौल-स्पीति जैसे क्षेत्रों में, ने इस फैसले का स्वागत किया है क्योंकि साहसिक पर्यटन वहाँ तेज़ी से एक प्रमुख आर्थिक प्रेरक के रूप में उभर रहा है।
लाहौल-स्पीति विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि यह फैसला स्थानीय एडवेंचर ऑपरेटरों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्हें औपचारिक कानूनी ढांचे के अभाव में लंबे समय से प्रशासनिक और नियामक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने आगे कहा, “अब तक, राज्य में ज़िपलाइन संचालन को वैध या विनियमित करने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। इससे ज़िपलाइन ऑपरेटरों के लिए सुरक्षा अनुमोदन और अनुमतियों को लेकर चुनौतियाँ पैदा हुईं।”
अनुराधा ने कहा कि कानूनी मान्यता के अभाव में अक्सर ज़िपलाइन संचालकों का काम मुश्किल हो जाता था, जिससे प्रशासनिक अनिश्चितता और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ पैदा होती थीं। उन्होंने आगे कहा, “स्पष्ट दिशानिर्देशों के अभाव ने न केवल उद्यमियों को हतोत्साहित किया, बल्कि उनके लिए ऐसी गतिविधियों में भाग लेने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी मुश्किल बना दिया।”
उन्होंने यह मुद्दा राज्य सरकार के समक्ष उठाया और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ज़िपलाइन गतिविधियों को इको-टूरिज्म के दायरे में लाने के लिए सक्रिय कदम उठाए। उन्होंने आगे कहा, “यह निर्णय सतत साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
अनुराधा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “जिपलाइन गतिविधियों को इको-टूरिज्म के अंतर्गत लाकर सरकार ने राज्य के दूरदराज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार, उद्यमिता और सतत आर्थिक विकास के नए रास्ते खोले हैं।”
सरकार द्वारा यह नीतिगत निर्णय लेने के बाद, लाहौल और स्पीति के कई स्थानीय आवेदकों ने कानूनी रूप से ज़िपलाइन संचालन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिए हैं। जिला प्रशासन को सभी आवेदनों पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आवश्यक मानदंडों को पूरा करने वालों को बिना किसी देरी के स्वीकृति मिल सके।
विधायक ने कहा कि कई प्रस्तावों को पहले ही मंज़ूरी मिल चुकी है और सुरक्षा व पर्यावरण मानकों को पूरा करने वाले लंबित आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय युवाओं को इको-टूरिज़्म के मानदंडों के अनुसार ऐसे उपक्रमों की स्थापना और संचालन में पूरा सहयोग दिया जाएगा

