राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने शुक्रवार को शिमला जिले के नारकंडा में हिमालयन एक्सपीडिशन द्वारा आयोजित 5वें सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन को हरी झंडी दिखाई। यह कार्यक्रम नशा मुक्त हिमाचल अभियान को समर्पित है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि युवा न केवल देश का भविष्य हैं, बल्कि वर्तमान भी हैं और उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
हिंदुस्तान-तिब्बत रोड पर आयोजित इस दौड़ को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग, इंडियन ऑयल, हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी और हिमइरा का समर्थन प्राप्त है। इस प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक धावक भाग ले रहे हैं, साथ ही फ्रांस और जर्मनी से तीन अंतरराष्ट्रीय एथलीट भी भाग ले रहे हैं।
102 किलोमीटर लंबी यह ट्रेल रन नारकंडा से सराहन तक प्राकृतिक रूप से सुंदर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध मार्ग को कवर करती है और इसे चार खंडों में वर्गीकृत किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन केवल एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि राज्य की संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं से जुड़ने का एक अनूठा माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में साहसिक और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देते हुए इतिहास और विरासत को पुनर्जीवित करने की एक उल्लेखनीय पहल है। उन्होंने ऐसे आयोजनों के माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आर्थिक सशक्तीकरण के नए रास्ते बनाने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
नशा मुक्त हिमाचल अभियान के महत्व पर बोलते हुए राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि नशा उन्मूलन केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। नशे के खिलाफ लड़ाई में समाज के सभी वर्गों के एकजुट प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने युवाओं में नशे की बढ़ती लत पर चिंता व्यक्त की तथा सभी से इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने तथा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं होमगार्ड्स के कमांडेंट जनरल सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया और आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन हिमाचल प्रदेश की भावना को प्रतिबिंबित करता है।
उन्होंने नशा मुक्त हिमाचल अभियान के साथ इस खेल आयोजन को जोड़ने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अभिषेक त्रिवेदी ने भी इस अवसर पर बात की और नशा विरोधी अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समाज के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में इस तरह के खेल आयोजनों की भूमिका की सराहना की।
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