हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में पुलिस कर्मियों की कार्य स्थितियों में सुधार के लिए दिए गए सुझावों का अनुपालन करने के लिए राज्य सरकार को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने दलील दी कि दिए गए सुझावों का अनुपालन करने की पूरी प्रक्रिया, हर हालत में, गठित समिति द्वारा तीन सप्ताह की अवधि के भीतर पूरी कर ली जाएगी।
राज्य के अनुरोध पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने उसे इस संबंध में 4 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अपने पहले के आदेश में अदालत ने राज्य को निर्देश दिया था कि वह इस बात पर विचार करे कि पुलिसकर्मी लगातार आठ घंटे से अधिक काम न करें।
न्यायालय ने राज्य सरकार को पुलिसकर्मियों के रहने की स्थिति में सुधार के लिए आवास योजना शुरू करने की सलाह भी दी थी। न्यायालय ने पुलिस कर्मियों को उनके पूरे करियर में कम से कम तीन पदोन्नति प्रदान करके नियमों में उचित संशोधन करने का भी आदेश दिया ताकि ठहराव को दूर किया जा सके और कार्यकुशलता में सुधार हो सके।
उपरोक्त के अलावा, अदालत ने राज्य को यह भी निर्देश दिया था कि वह इस बात पर विचार करे कि यातायात पुलिस को गर्मियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय पर्याप्त अवकाश दिया जाए तथा यातायात कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उन्हें हानिकारक गैसों और धुएं से बचाने के लिए मास्क उपलब्ध कराए जाएं।
न्यायालय ने यह आदेश एक आपराधिक मामले से संबंधित दिया। न्यायालय ने हाईवे पेट्रोलिंग और हाईवे बीट के गठन का भी सुझाव दिया।
इसमें आगे कहा गया है कि कई पुलिस क्वार्टर और कार्यालय भवनों को तत्काल रखरखाव की आवश्यकता है। कर्मियों के लिए सम्मानजनक रहने की स्थिति सुनिश्चित करने, उनकी भलाई और दक्षता बढ़ाने के लिए नवीनीकरण के लिए समर्पित बजट आवंटित किया जाना चाहिए। अदालत ने मामले को 4 जुलाई को अनुपालन के लिए सूचीबद्ध किया।
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