मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा है कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति के कारण राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एसडीआरएफ, भारतीय मौसम विभाग और अन्य हितधारक विभागों जैसे एनएचएआई, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश वन विभाग आदि के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए परिचालन कौशल बढ़ाने, उन्नत तकनीक को एकीकृत करने और स्थायी सफाई विधियों को अपनाने पर ज़ोर दिया।
राज्य के पर्वतीय और उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आपदाओं से उत्पन्न चुनौतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने एसडीआरएफ टीमों के लिए एक समर्पित प्रशिक्षण मॉड्यूल और कार्यक्रम विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस पहल का उद्देश्य टीमों को दुर्गम इलाकों और चरम मौसम की स्थिति में खोज और बचाव कार्यों के लिए आवश्यक विशिष्ट कौशल से लैस करना है।
प्रशिक्षण में हवाई निरीक्षण के लिए ड्रोन चलाने, दुर्गम क्षेत्रों में जीवित बचे लोगों का पता लगाने, क्षति का आकलन करने और दवाओं तथा खाद्य पैकेट जैसी आवश्यक आपूर्ति को सटीक स्थानों पर गिराने का व्यापक व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल होगा।