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हिंदू समाज को दुर्गा पूजा और गरबा में विधर्मियों से रहना होगा सावधान : विनोद बंसल

Hindu society must be cautious of heretics during Durga Puja and Garba: Vinod Bansal

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दुर्गा पूजा और गरबा जैसे पवित्र आयोजनों को लेकर हिंदू समाज से सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो लोग ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ तक नहीं बोल सकते, वे ‘मां दुर्गा की जय’ कैसे बोलेंगे?

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया।

उन्होंने पोस्ट में लिखा, “जो ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ तक नहीं बोल सकते, वे ‘मां दुर्गा की जय’ कैसे बोलेंगे, और जो ‘मां दुर्गा’ की जय भी नहीं बोल सकते, वे भला ‘दुर्गा पूजा’ या ‘गरबा’ में किसलिए आएंगे, समझने की बात है। ‘दुर्गा पूजा’ या ‘गरबा’ के आयोजन कोई नाटक, शो, पर्यटन, मनोरंजन या सिर्फ कला का सेक्युलर प्रेजेंटेशन तो हैं नहीं।”

विनोद बंसल ने आगे कहा, “धर्म, आस्था व आराधना के इस महापर्व की पवित्रता, शुचिता और माता-बहनों के साथ आयोजनों की सुरक्षा के लिए हिंदू समाज को सजग रह कर ऐसे विधर्मियों के कुकर्मों से सावधान रहना होगा। साथ ही जिहादियों से किसी प्रकार का कोई व्यवहार (खासकर इन दिनों) न करें, तो ही अच्छा है।”

नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे प्रमुख त्योहार है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में गरबा का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाता है, जो हिंदू धर्म की आस्था, संस्कृति और उत्साह का प्रतीक है।

दुर्गा पूजा, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और अन्य राज्यों में, मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति की उपासना का महापर्व है। वहीं, गुजरात और अन्य राज्यों में ‘गरबा’ और ‘डांडिया’ नवरात्रि के दौरान उत्साह के केंद्र बिंदु हैं। ये आयोजन केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं।

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