नई दिल्ली, पाकिस्तानी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ की इस्लामाबाद में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। सना की हत्या उनके ही रिश्तेदार ने की है। इस घटना ने पाकिस्तान में बढ़ रहे ऑनर किलिंग के मामलों पर फिर से पूरे विश्व का ध्यान खींच लिया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मूल रूप से अपर चित्राल की रहने वाली मशहूर कंटेंट क्रिएटर की हत्या उनके एक पुरुष रिश्तेदार ने की है। ये रिश्तेदार उनसे मिलने आया था, और बेहद नजदीक से गोली चलाने के तुरंत बाद मौके से भाग गया।
‘समा टीवी’ ने पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि संदिग्ध ने सना से उनके घर के बाहर कुछ देर बातचीत की और फिर उनके पीछे अंदर जाकर गोलियां चला दीं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “संदिग्ध ने घर में घुसकर कई गोलियां चलाईं और भाग निकला।”
सना को दो गोलियां लगीं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस हत्या की जांच कर रही है, उसने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। इसके साथ ही हत्या के पीछे सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है, जिसमें ‘ऑनर किलिंग’ भी शामिल है। ये पाकिस्तान में एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
सना यूसुफ एक उभरती हुई डिजिटल स्टार थीं, जिनके सोशल मीडिया पर 4 लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे। वह अपना लाइफस्टाइल कंटेंट, चित्राल के कल्चर को हाइलाइट करने वाले वीडियो और महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा की वकालत के लिए जानी जाती थीं।
सना अक्सर युवा पाकिस्तानियों, खासकर लड़कियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से मोटिवेशनल कंटेंट साझा करती थीं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता की बेटी सना को उनके काम ने उन्हें खास पहचान दिलाई थी।
सना की हत्या ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। ‘इंस्टाग्राम’ और ‘एक्स’ जैसे प्लेटफॉर्म पर ‘जस्टिस फॉर सना यूसुफ’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगा है।
प्रभावशाली लोगों, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सना के मामले में त्वरित कार्रवाई और न्याय की मांग की है।
इससे पहले, पाकिस्तान में इस साल की शुरुआत में एक व्यक्ति ने अपनी किशोर बेटी की हत्या कर दी थी। इसके पीछे कारण सिर्फ यह है था कि लड़की ‘टिकटॉक’ पर एक्टिव थी। इस तरह के अन्य मामले भी सामने आए हैं और अब सना की हत्या ने ऑनर किलिंग करी बढ़ती घटनाओं को फिर से प्रकाश में ला दिया है।
सना की हत्या ने फिर से पाकिस्तान में महिलाओं के सामने खतरों को उजागर किया है। जैसे-जैसे न्याय की मांग तेज होती जा रही है, कई लोग कानूनी सुधारों और हिंसा की संस्कृति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जो ‘सम्मान’ की आड़ में महिलाओं की जान ले रही है।