N1Live Himachal एचपी ने कम कार्बन उत्सर्जन के लिए मुआवजे की मांग की
Himachal

एचपी ने कम कार्बन उत्सर्जन के लिए मुआवजे की मांग की

HP demands compensation for lower carbon emissions

हिमाचल प्रदेश ने क्योटो प्रोटोकॉल के अनुरूप मुआवजे की मांग की है, जिसमें उच्च कार्बन उत्सर्जन वाले देशों की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन वाले देशों को मुआवजे का प्रावधान है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कल राजस्थान के जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में पहाड़ी राज्य को कम कार्बन उत्सर्जन के लिए मुआवजा देने की मांग की।

धर्माणी ने इस मुआवजे की गणना करते समय कम जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखने के पक्ष में तर्क दिया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में टोल पट्टेदारों को सीजीएसटी अधिकारियों द्वारा जारी किए गए 200 करोड़ रुपये के डिमांड नोटिस का मुद्दा भी उठाया और उन्हें रद्द करने की मांग की।

उन्होंने वित्त मंत्री से कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार और भानुपल्ली-बिलासपुर तथा चंडीगढ़-बद्दी रेलवे परियोजनाओं जैसे चल रहे रेलवे प्रोजेक्टों के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए कम से कम 50 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए सैटेलाइट टाउन स्थापित करने तथा सेब के आयात पर सीमा शुल्क को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की वकालत की।

बजट पूर्व बैठक में मंत्री ने विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) जारी रखने और राजस्व घाटा अनुदान और केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) को बढ़ाने की भी वकालत की, जिसे 2020-21 में 11,140 करोड़ रुपये से घटाकर 2025-26 में 3,256 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

Exit mobile version